भारत के तीर्थ | Bharat Ke Tirth

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Bharat Ke Tirth by यशपाल जैन - Yashpal Jain

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about यशपाल जैन - Yashpal Jain

Add Infomation AboutYashpal Jain

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
वारका १५ * ६२२८ ४ भ्रव द्वारका एक छोटा-सा क्या है । यहां बहुत-सी घंशालाएं हैं। जरूरत की सभी चोजें ध्रासानी से यहां मिल जाती द! फस्पे के एफ हिस्से ष चारो घोर चहार- दोबारी लिघी है। इसफे भीतर ही सारे घड़े-बड़े सन्दिर &। प्वारका के पक्षिण में एक लम्बा ताल हैं। इसे गोमती-तालाब कहते हैं। समुद्र फे पानी से यहू भरा रहता है। इसमें नहाने का बड़ा पुण्य माना जाता है। इसके नाम पर ही ध्वारका को गोमती हारका कहते हैं) द्वारका के समुद्र-तट के घाटों का হেত इस गोमती तालाब के ऊपर मो घाट हैं । इनमें




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now