टकार | takar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
132
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ হ |
प्रारम्भ से लेकर अन्त तक निर्वाह भी सस्लि्ट एबम् उत्कृष्ट है।
प्रत्येक पक्ति में कविता का रग है।
तुम किसकी विरह वेदना में
जलते रहते दिन रात सखे
हा किसकी मिलन प्रतीक्षा मे
करते व्यतीत दो याम ससे !
इन पक्त्वा मे भावना बोल रही रै । कल मने कविता^की एक
नयी परिभाषा पढ़ी, वह यह कि (कविता हृदय तथा कवि उक्ति के बीच
का सब से कम श्रन्तर है !? विचार श्रेंगरेजी भाषा मे व्यक्त हुआ है |
ग्रत पटक उसका स्वारस्य, सम्भव है सुचार स्पसे ग्रहण न कर
सके तथापि उक्ति सुन्दर है! परिभाया मुभे पसन्द त्रयी, (ण्ण
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इस दृष्टिकोण से समाधिदीप, रचना में हृदय की बाढ ही अधिक है 1
आगे, कवि की अनूठी उक्ति देखिये--
देखो कोमल उर पर प्रिय के
है क्रितना भीषण भार सखे !
क्या आशा है, कर सफ्ते हो
तुम उसे जला कर क्षार सके |
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