श्रेष्ठतम रूसी कहानियां | Shreshtham Roosi Kahaniyan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13 MB
कुल पष्ठ :
416
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ही इसने मुझे भी थका मारा। आप लम्बा ङग भरिये तो
लडका दुलकी मारने लगता है , खरियत तभी है कि आप
उसके छोटे-छोटे कदमो से कदम मिलाकर चले नतीजा
यहु कि जहा एक कदम से मेरा काम चल सकता है, वहा
मुझे तीन कदम भरने पडते है और हम घोडे और क्ये की
तरह चलते चले जाते है। फिर यह कि यह क्या कर रहा हे
ओर क्या नहीं, इसके लिए दो आखे आपके सिर के पीछे
होनी चाहिए। आपने पीठ फेरी नही कि साहबज़ादे या तो
किसी गढे-गढेया मे उतर गये या जमे हुए पानी के किसी
टुकडे को तोडने में जुट गये और उसे मिठाई की तरह चूसने
लगे। नही भाई, ऐसे बच्चे को साथ लेकर सफर करना
आदमी के बस की बात नहीं कम से कम पैदल तो
बिल्कुल ही नहीं। -इसके बाद थोडी देर तक वह चुप
रहा और फिर उसने पूछा - और तुम॒ तुम अपनी कहो,
भाई, अपने चीफ का इन्तजार कर रहे हो? ”
उसे यह बतलाना श्रव मुझे अच्छा नहीं लग रहा था कि मैं
ड्राइवर नही हु, अतएव मैने उत्तर दिया- “हा, इन्तजार
करना ही पड रहा है।”
“चीफ तुम्हारा उस पार से श्रानेवाला है?
“हा, उस पार से ही आयेगा।
“तुम्हे पता है, क्या नाव जल्दी ही आनेवाली है?
“कोई दो घटे मे आयेगी।
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