प्राकृत व्याकरण | Prakrit Vyakaran
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19 MB
कुल पष्ठ :
458
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about बेचरदास जीवराज दोषी - Bechardas Jeevraj Doshi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१३
जैमसत्रोमां फेट्लेक ठेकाणे अधेमाग्धीने भाषा तरीके जणावी
छे अने साथे एम पण कहेवामां आव्युं छे के, * भगवान् महावीर
अधमागधी भाषामां उपदेश करता हता.'
अधमागधीने लगता जैनसन्नोना उल्ेखो आ प्रमाणे छे:
८ मगवं च णं ४४ भगवान् अधेमामर्धीमाषा-
` अद्धमागहीए भासाए द्वारा धमेने कहे छे.”
धम्ममाइक्खइ ”!
( समकय-अगसूत्र
पृ० ६० समिति )
प्र०-« देवा णे मते कयराणए._ “ हे भगवन् | देवो क
माप्ताए भासंति ! भाषामां बोले টি?
कयरा का भासा अथवा बोलाती भाषामां
भापिजमाणी कई भाषा विशिष्ट छे ?
विधिस्सति ?
उ०~-गोयमा!देवाणं अद्ध हे गौतम ! देवो अध.
मगहाए भासाए भासति, मागधीभाषामां बोले ऊ
साविय ण अद्धमागही अने बोछाती भाषामां
মালা भासिजमाणी पण ते ज भाषा-अध-
वििस्सई् ” मागधीमाषा-~विरिष्ट ॐ.
( भग्रवती--अंगसृत्र
श० ५ उ० ४
০ 1৫৫ সহল-
२० राय० অন
समिति ए० २३१
सू० १९१ )
User Reviews
No Reviews | Add Yours...