प्राकृत व्याकरण | Prakrit Vyakaran

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Prakrit Vyakaran  by बेचरदास जीवराज दोषी - Bechardas Jeevraj Doshi

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about बेचरदास जीवराज दोषी - Bechardas Jeevraj Doshi

Add Infomation AboutBechardas Jeevraj Doshi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
१३ जैमसत्रोमां फेट्लेक ठेकाणे अधेमाग्धीने भाषा तरीके जणावी छे अने साथे एम पण कहेवामां आव्युं छे के, * भगवान्‌ महावीर अधमागधी भाषामां उपदेश करता हता.' अधमागधीने लगता जैनसन्नोना उल्ेखो आ प्रमाणे छे: ८ मगवं च णं ४४ भगवान्‌ अधेमामर्धीमाषा- ` अद्धमागहीए भासाए द्वारा धमेने कहे छे.” धम्ममाइक्खइ ”! ( समकय-अगसूत्र पृ० ६० समिति ) प्र०-« देवा णे मते कयराणए._ “ हे भगवन्‌ | देवो क माप्ताए भासंति ! भाषामां बोले টি? कयरा का भासा अथवा बोलाती भाषामां भापिजमाणी कई भाषा विशिष्ट छे ? विधिस्सति ? उ०~-गोयमा!देवाणं अद्ध हे गौतम ! देवो अध. मगहाए भासाए भासति, मागधीभाषामां बोले ऊ साविय ण अद्धमागही अने बोछाती भाषामां মালা भासिजमाणी पण ते ज भाषा-अध- वििस्सई्‌ ” मागधीमाषा-~विरिष्ट ॐ. ( भग्रवती--अंगसृत्र श० ५ उ० ४ ০ 1৫৫ সহল- २० राय० অন समिति ए० २३१ सू० १९१ )




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now