प्राचीन लेख मणि माला (प्रथम खण्ड) | Pracheen Lekh Mani Mala (Pratham Khand)
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
212
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( २३ )
विश्रहराजः' काह दलले नित्त धीरुक के पुत्र धीरनाग ने
सट्टूलित किया |
चाहमान वश मे गूवक ( प्रथम ), उसका पुत्र चद्धरान, उसका
पुत्र गबक ( द्वितीय ) , उसका पुत्र चन्दन ( जिसने तोमर राजकुमार
रुद्रन--रुद्रपाल ( ? ) को पराजित किया ), उसका पुत्र वाकृपातिराज
( जिसने तन्त्रपाक को पराजित किया ), उसका पूत्र सिंहराज ( जो
किसी “लवण? का समकराटान धा), उसका पुत्र विग्रहराज । महाराजा
घिराज सिहराज का एक भाई जिप्तका नाम वत्सरान धा ओर (विग्रहराज
का छोड कर) तीन बेटे दुर्लभराज, चन्द्रराण और गोनिन्दराज थे |
( ४५ )
बि० सं० १०३०-वबी० जी० भाग ५ पृष्ठ ३००। चौल्क्य
मृछराज प्रथम का बड़ौदा ( पाटन ) में दानपत्र |
(ই ১
बवि० सं० १०३१-३० ए० भाग ६ पृष्ठ ९१ | धरमपुर
( इन्दौर ) के परमार महाराजाधिरान बाकपति राजदेव का दानपत्र
जो उज्जयनी में दिया गया था | वेशादली इस प्रकार है। कृष्णराज,
वेरिसिह, सीयक, वाकपातिराज-अमोघवर्ष |
€ ৪৩১
वि० © १० ३दद्र-जर ब्र ए० पो ० भाग ३१ पृष्ठ ३९३ | ।
[कच्छपघाट] महाराजाधिरन बज्रदामन के समय का खालियर में एक...
जैन मृतिपद पर खण्डित शिलालेख |
( ४८ )
वि० से? १०३७४-राजस्थान भाग १ पृष्ठ ८०२| कनल टाड
सतपुर के एक शिलालेख का अनुवाद देते हैँ जो गृहिल शक्तिकुमार
के समय হা ম্লান হানা ছু |
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