गोल - सभा | Gol Sabha

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Gol Sabha by श्री दुलारेलाल भार्गव - Shree Dularelal Bhargav

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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गोल-सभा यार इगरलेढ, छाम, जर्मनी, श्रास्दिया, इटली, स्पेन ओर योल इन मान সব शाज्या का समूद है, ओर इन राज्यों को राजमांतिऊ सत्ता ने दी योरप को समर्थ बना दिया है। भारत- वप तमाम यास ॐ लम भूभाग के चशयर है, और जन- सम्या में रूस का छाइकर यारप-भर तया श्रमेरिकासे भी बढ़कर दै। बंगाल का क्षेत्रकत फ्रॉस से कुद्य कम दे तो भी सन-संस्या सान करोड़ के लगभग है। युक्त-प्रात फा चषेत्रफल प्रेट श्रिटन से कुद ह्वो कम है, किंतु जन-संख्या अधिक है। मद्रामनथ्द्दाता आयलेैंड-प्तद्धिद प्रट शिदेन फे बराबर क्षेत्रफल में है, जन-संस्या भी उससे कुठ द्वी कम दै। बल्कि इटली फे बरायर है। पंजाब को जन-स॑स्या स्पेन से कुट् শ্রসিচ প্রীত बंबई को प्रेट त्रिटेन और आयलेंड से कुद्ध फम दै । मध्य-प्रदेश बेज्मियम और हॉलैंड मे कृद्र बड़ा है। जिन प्रॉर्तों में देशी राप्य ट, उफी घात प्रथझू है । धर्मा और मलान भो प्यक ६। बाम्तव में यद योरप के बरायर घना बसा हुआ-रानाश्रों, सेनाओं, व्यापारियों और नगरों मे भरा हुआ ইহা? भौर न केबल एशिया में, अपितु प्रश्वी-मर में बद्द एक महत्व समना} इसी भारत को टुदृशा देखकर स्पर्गोष केयदवाई ने श्रपनी पुस्तक में ज्ञा उट्टार लिसे थे, वे इस प्रकार दै-- मास के श्रतीन यमथ चीर ममृद्धि कौ स्मृति लोगो के द्र्य में अमो तक दरी-मरी बनी है। एड शताईदि पहले, जग




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