राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला | Rajasthan Puratan Granthmala
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
188
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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कविवरं जानं श्रौर उनके न्थ ७
दूसरे उपवर्गकी रचनाएँ -
१, निर्मल, २. सं. १७०४ साघ, छुन्द वही, दोहा १३, निर्मलको सतीत्व रक्षाकी कहानी ।
२. सतवंती, र, सं. १६७८, छुन्द वही, दोंहा ७२, सतवंतीकी रक्षाकी कहानी ।
४, तसीमअनसारी, र. से, १७०२, चौपाई १७०, तमीस अनसारीके पत्नीकी सतीत्व
रक्षाकी कहानी ।
४, शीलवचती, र. से. १६८४, छुन्द वही, दोहा २५, शीलवंतीकी सत्तीव्व र॑क्षाकी कहानी
९ दिनमें रचित ।
५, कुलवती, सं, १६९३. पौष, न्द् वही, दीहा ४७ कुलवंतीकी सतीत्व रक्षाकी कहानी ।
स्वृतन्त्र कहानियां-
१. वरूकिया विरही, र. सं, १६८६, चौपाई १२८, एक दिन में रचित, इईश्वर-प्रेममें पागल
घटिया विरदीके एक लोभीके उद्धारकी कानी ।
२. भरदेसरकी कहानी, र. सं. १६९०, दोहा-चौपांई, दोहा २३, दौ प्रहरमें रचित ।
मुक्तक शगार वर्णन, १, वणंनात्मक, २, रीति काव्य वर्णनात्मक ~
৭. चारहमासा, र. सं. श्रत, सवैया १५, वियोग श गारका वारहमांसा ।
२. अन्ध वरया, र, सं. प्रज्ञात, वरवा ७०, संयोग-वियोग षद् चतु वर्णन ।
३. घट् ऋतु बरवा, र. सं. अज्ञात, वर॑ंबा २२, पंद् ऋतु वर्णन ।
४. पद् ऋतु पवंगम, र. सं. अज्ञात, पर्वंगम प्. २. षद् ऋतु वर्णन ।
( विशेषता--अंत पदोंको ध्ेकबरण जौ मारि ।
तो बरबा सब है हैं मढे विचारिश्रे ॥)
५ धूंघटनामा, र. सं. अज्ञात, दोहा चौपाई ४, पृष्ट, यौवन व वृघटका वंन ।
६. सिंगार-सत, र, स. १६७१, दोहा १०१, स्त्रियो श्च गारका वर्णन, & दिनमे रचित ।
७, भावसत, र. सं, १६७१, पृष्ठ ६, श्ट'गार रस, २ दिनम रचित ।
८, विरहसतः, र. स. १६७१ दोहा) १००, वियोग श गार, ५ दिनम रचित ।
७५. द्रसनामा, र. सं. अज्ञात, चौपाई २१ “घुंघट खोल द्रस परसा?” ।
१० अलोक नासा, र. सं, अज्ञात, चौपाई २३, अलकोंके सोंदर्यका वर्णन ।
११, द्रसन नामा, र. से. अज्ञात, चौपाई ६३ ।
१२. बारहमासां, र. सं. अज्ञात, पृष्ठ २, फुन्निंग छुन्द् ।
१३. प्रेमसागरं, र, स्रें. १६६४, दोहा २६४, प्रेममहिमा ।
१४. वियोगसार, र. स. १७१४, दोहा, सवेया, पष्ठ १६, विरह-व्ीन ।
1५, कन्द्रफकलोल, र. से. अज्ञात, कवित्त सवेया, पु० ३२, श्ट'माररस मुक्तक न्द । भ्रतिमे
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