विरहिणी | Virhini

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Virhini by मुंशीराम शर्मा - Munshiram Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रन १०- ११- २ ৫১ ~ विषय-सूची विषय भूमिका परम पुरुष आत्म पुरुष अवतरण रचना विनय विरह आश्वासन साधना उक्मण दशन स्वगं आत्म गीत शब्दार्थ -बोधिका झब्द सशोधिका पृष्ठ ११ २५७ ३९ ५३ ५७१ पद १४७ १६५ १८९ २०५ २२७ २४५ २६६




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