धन्वन्तरि भाग 5 | Dhanvantri Part-5

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Dhanvantri Part-5 by डॉ. उदयलाल जी - Dr. Udaylal ji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मी कल 2 घन्वन्तार क£ के थ तीन अनमोल तथा अत्युपयोगी विशेषांक हर चिकित्सक को, हर आयुर्वेद प्रेमी को तथा हर स्वास्थ्य प्रेमी को इन किशेषांको की अवय संग्रह करना चाहिये । पिन पुरुषरोगांक--शर विद्षेपाक में पुरुपों के विदेप रोग--वीर्यें रोग, नामर्दी, स्वप्नदोप, शी घर पतन, थुक्रतारल्य, प्रमेह, मधुमेह, उपदण, पूयमेह, भण्डकोप वृद्धि, आदि-आदि. का विस्तृत सचित्र वर्णन, विस्तृत एवं सफल आयुर्वेदिक चिकित्सा दी है । साथ ही सभी पुरुपरोगो की एलोपैथिक, प्राकृतिक तथा होमियोपैथयिक चिकित्सा भी दी गई है। इस विधेषाक को पाठकों तथा वैद्यो ने धन्वस्तरि के पूर्व प्रकागित सभी विशेषाकों से अधिक पसद किया हे । इसकी थोडी प्रतिया शेप हूँ । मूल्य ८.५० कमीशन कम करके ६३७ होगा । समाप्त होने पर द्वितीय सश्करण का मूत्य वढ जायगा । ः नारो रोगांक-इस विद्वेपाक में सम्पूर्ण स्त्री रोगो--नारी जननेन्द्रिय रचना, आतंव, ऋतुकालचर्या, स्त्री रोग परीक्षा, भआार्वव विकृति, प्रदर रोग, योपापस्मार, योनिव्यापद, वन्धत्व, गर्भपात एव गर्भश्राव पुसवन एव गर्भ विकास, गर्भावस्‍था के रोग, प्रसूत ज्वर, मक्कल शुल, अबू द, रक्तगुल्म गर्भादय दोथ, योनिकण्डू, सोम रोग, स्तन रचना एवं स्तन रोग, उपदग-फिर ड़, स्त्रियों के लिये व्यायाम, इच्छित सन्तान आदि-आदिं २६ प्रकरणों मे विस्तृत विवरण, सफल चिकित्सा विधि तथा अनुभुत प्रयोगों का उपयोगी सग्रह प्रकाशित किया गया है । प्रथम सस्करण उसी वर्ष समाप्त हो गया था । द्वितीय सस्करण भी समाप्त होने वाला हैं । मूल्य १० ०० कमीदान कम करके ७ शू० शिददु 'रोगाकिन-इस बिक्षेपाक मे सम्पूर्ण वाल रोगो-शणिशु एव उसका गर्भाशय स्थित जीवन, प्रसवोपरात र्शॉ शियु परिचर्या, नवजात थिद्यु पोपण, शिशु पोषण, शिशुरोग परीक्षा, वालग्रह, दन्तोद्भेद क्रम, पाचन विकार, अस्थि विकार, बालशोप [सूखा ]; कण रोग, वालकों की खासी, कृमिरोग, गुदुरोग रोहिणी [डिपथेरिया | थीर्षास्वु, गले के रोग, मौक्तिक [मोती कला ]; मसुरिका, शीतला, लघु मरदुरिका [खसरा ].पित्ती उछलना,फिरग, मिट्टीखाना भौर उससे होने वाले रोग, प्रश्ञीताद [स्कर्वी |» हकलाना, तुतलाना; यकृत्‌-लीहा वृद्धि, दौशवीय अज्भघात, वाल-त्यूमोनिया, नेत्ररोग आदि ३४ प्रकरणों में विस्तृत वर्णन सफल चिकित्सा विधि तथा उत्तमोत्तम सरल प्रयोग सम्रह दिये है । प्रथम सस्करण थोडा ही शेप है । मू ० ८८५० कमीशन कम करके ६.३७ तीनो विदेषाकों का म.त्य कमीशन कम करके २७ २४५ होता है लेकिन तीनों विशेषाको को एक साथ सगाने पर रियायती मूल्य १८ ५० होगा । पोष्टव्यय तीनों विशेषाको पर है २४ पृथक । कुल २१७५ मनियाडर से भेजकर तीनों विशेषाक प्राप्त करले । नोट--घन्वस्तरि के अन्य प्राप्य विशेषाकों का विवरण इस चविज्षेपाक के अन्त में लगी सूची मे देखलें । पता--घन्वसारि कायतिय, विजयगढ़ कल गढ़




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