भूचाल | Bhoochal
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
232
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भूचाल ६
उपाय का झवलम्बन किया जाए तब बाहर कुटिया से कुछ दूर पर कोई ,
युवक साधु रामदास से पूछ रहा था, “क्या यहां पटना के कोई रईम ठह
हैं ! उनके साथ एक स्त्री भी है।वे अभी कुछ दिन पहिले भूचाल में
नाव उल्लट जाने से गंगा में बह आए, थे | हम उनका तार पाकर पटना
से समस्तीपुर गांव में पहुंचे थे | वहां से पता लगा कि वे लोग गंगा के
फ़िनारे साधु रामदास की कुटिया में हैं।?
साधु रामदास कह रहे थे, “हां, आइए । वे लोग यहां ही हैं। आप
क्या पटना से आरहे हैं ! आप उनके क्या लगते हूँ !? ओर भी न जाने
क्या क्या बाते साधु रामदास ने एक ही सांस में उससे पूछ डालीं।
कान में परिचित शब्द पढ़ते पर अवधबिहारालाल भी कुटिया से
बाहर निक्न आए | उन्होने देखा कि उनकी आंखों के सामने केवल
कुछ गज की दूरी पर ही उनका छोटा लड़का सुशीक्ष खड़ा था। उसके
कड़े अस्त-व्यस्त हो रहे थे, मुंह सूख रहा था, चेहरे पर उदासी की
काली छाथा थी और बाल रूखें- ओर चिखरे हुए थे | उसकी आवाज
भरा रही थी मानो उसको रोना आरहा हो। अचानक उसकी दृष्टि
कुटिया के द्वार पर खड़े हुए अवधनरिदाारीलाल पर पड़ी | वह दौड़ कर
जमके पेरों से लिपट गया और फूट-फूटकर रोने लगा। अवधबिहारीलाल
का हृदय भी भर आया | उन्होंने. हृदय का बांध बहुत ऊंचा किया,
किस्तु फिर भी उसके ऊपर से दुःख के आंसुओं की दुँदों के रूप में बह
निकला | सुशौल की ञ्रावाज को सुनकर कुटिया में से मनोरमा भी
निकल आई। उससे सुशील को गोद् में सर लिया ओर फूट-फूटकर
रोने लगी ।
धीरे-धीरे श्रवधबिद्दरीलाज् और मनोरमा का रोना रुक गया; किन्तु
सुशील के आंसू थमते हो न थे। अवधबिद्दरीलाल और मनोरमा पूछ
रहे थे, विनोद कहां है! शान्ता कहां है १ किन्तु सुशील का गला बन्द्
था। वह अपनी मां और अपने पिता के इन प्रश्नों का उत्तर आंसुग्रों
की मूक भाषा में दे रहा था।
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