समता पर्यूषण पर्वाराधना | Samta Paryooshan Parvaradhna
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
290
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)एटा] 06श1॥1 15 181 0016.
अच्छा आरम्भ आधी सफलता है
आज प्रथम दिवस के पावन अवसर पर हमे अन्तर मन को
जागृत करना हे, यदि प्रारम्भ अच्छा हे, तो कार्य मे अवश्य सफलता
मिलेगी |
क्या करै-
इन आठ दिवसो मे हमे अपना जीवन संयमित एव धार्मिक
विचारो से परिपूर्ण बनाने का प्रयत्न करना हे, साधना के पथ पर
आगे बढना हे । आठों दिवस तक चारो स्कन्धो का पालन आवश्यक
हे | जो व्यक्ति वर्ष भर अपना जीवन त्याग मार्ग पर नही लगा पाते
है उन्हे कम से कम इन आठ दिनो तक तो अवश्य त्यागमय जीवन
व्यतीत करना चाहिये |
चार स्कन्ध इस प्रकार है-
1. रात्रि भोजन का सर्वथा त्याग अर्थात् चोविहार (चारो
आहार) का त्याग करना चाहिये |
2 वनस्पति का पूर्ण त्याग- हरे फलो व सब्जियो का उपयोग
नही करे |
3 सचित्त वस्तु का त्याग- किसी भी प्रकार की सचित्त
वस्तु जैसे- कच्चा पानी आदि का उपयोग नही करे |
4. ब्रह्मचर्य का पालन- आठो दिवस पूर्ण ब्रह्मचर्य व्रत का
पालन करे |
उपरोक्त त्यागो के साथ इन दिनों में कषायों को शान्त
करने का प्रयत्न करे, स्वाध्याय करे, चिन्तन-मनन करे, तप करे ,
अटारह प्रकार के पापो से वंचित होने का प्रयास करे, पूर्वके
की आलोचना एव यदि किसी से वेमनस्य हुआ हो तो |
আমলা पर्युषण पर्दाराधना
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