भारतीय एवं व्यावहारिक सांख्यिकी | Indian and applies statistics

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सख्याशास्द को पृष्ठमुमि एवं भारत में विकास 9 साह्यिकीय सम्मेलन हुआ जिसमे विभिन्न देशो मे सम्रह किये जाने वाले समको मे एकरूपता लाने कौ दृष्टि से विचार হিলহী किया गया । इस सम्मेलन से भारत में समक सग्रह क कायं के लिए महत्त्वपूर्ण मार्गदशेन प्राप्त हआ । (€} समण़ अधिनिथम--सनू 1953 मे भारत सरकारने समक सम्रहूण अधिनियम {व 09011501190. ০1 3£9119155 4১00 पास किया जिसके अन्तर्गत सरकार को सभी प्रकार के जक सग्रह करने का अधिकार मिल गया । (7) अकू सम्रहुण की লবীন নিথিঘা_মল ণঘাঁ মি 15088০০1450 एप] करेटडटघाला 5ध5050०४ तथा भारतीय साद्यिकीय सरथान (णवा 312815016) 11506016) ने अक सग्रहण एवं प्रयोग की नवीनतम पद्धतियों भें प्रयोग किये हैं और उनके शोध कार्यो के परिणामस्वरूप देश के विभिन्न क्षेत्रो मे सम्बन्धित अनेक समस्याओ को उचित रूप मे देखना सम्भव हो गया है । इसी दृष्टि से सास्यि- कय सस्वान, कलकत्ता को 1960 ई० से राष्ट्रौय महत्व को स्था धघोपित कर दिया गया है । आधुनिक प्रदृत्तिघाँ--गत्ष वर्षों मे कृषि, उद्योग, यातायात, राष्ट्रीय आय एवं जतसख्या आदि सम्बन्धी समस्याएँ इतनी जटिल होती ज्य रही हैं कि इन द्षोतों में प्रयुक्त होते वाले अको के सम्बन्ध मे उचित शोध एवं अनुसन्धान को आवश्यकता बढ़ रयौ है ॥ फलत नरारतीय दछाद्यिकोय सस्थान कलकत्ता तवा दिल्ली स्थित भारतीय कृपि अनुसन्धान परिपद्‌ ते सास्यिकोय अनु सन्धान एव प्रशिक्षणं को व्यापक मोजनाओ पर कराय करना आरम्भ कर दिया है। परिषद्‌ तथा भारतीय योजना आयोग विभिन्न सस्थाओ द्वारा किये जाने वाले सर्वेक्षण एवं शोध कार्यों के लिए घन तथा तकनीकी सहायता प्रदान कर रहे हैं। इन शोध कार्यों के परिणामस्वरूप अनेक नये क्षेत्रों से सम्बन्धित तथ्य एबं अक उपलब्ध हो रहे है जो भविष्य के लिए योजना बनाने में बहुत उपयोगी हैं । गत वर्पो मे भारतीय नागरिको को सा रिपिकोय प्रशिक्षण के लिए विदेशों में भेजा गया है और देश मे ही एक साह्यिकीय शिक्षा केन्द्र स्थापित किया गया दै जिसने दक्षिणं एशिया के देशो के अनिकारियो के लिए साह्िकीव अशिशषण की ब्यवस्था है। केन्द्रीय सास्यिकीय सगठ्म (^ 5 0 ) वा राज्यों में स्थापित साहियकीय सस्थातो द्वारा भी विभिन्न वर्गों के अधिकारियों के लिए साल्यिकीय प्रशिक्षण का प्रबन्ध किया गया है 1 ५ चतेसान में योजना आयोग ने एक योजना तैयार की है जिसके अनुसार देश को 14 दिकास क्षेक्तो मे और 57 खण्डो में भुख्यत प्राकृतिक दशाओ के आधार पर बांदा है। पिछड़े हुए क्षेत्रो को तिम्त पाच मयो मे विभक्त क्रिया गयः ह 1 रेगिस्तान दत्र, 2 अधिकाशत सूखाग्रस्त (५०००९६६ 27००८९०) হীল, 3 पहाड़ी क्षेत्र




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