वेदान्त | Vedant
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
344
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रस्तावना, ধু)
विद्ययत ( देशान्तर ) भी जावे |
गम दखार का समःकार होकर रहे नहीं |
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न
৬
ক ক ৪৮
पचकम = कमम = प
ক
शरीर रोग ग्रत्त হই শা किसी अङ्क मे न्यूनता
( नुकस ) हो |
(७) पिछली अवल्थार्म काम ( वित्रय वृत्ति ) नितान्त नष्ट
हो, अर्थात काम रहेत हो जाते |
(८) दो पुन्न अवश्य होने चाहिये।
(०) अस्प आयु हो, अर्थात २८ से ३५ वर्ष तक।
(१० ) यदि ब्राह्मण हो तो मृत्यु जल में, ओर यदि क्षत्र
हो तो मकान से गिर कर॥
~ + ^
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ऊुराढी बाले ग्राम में ( जो स्वामी जी की जन्म भूमि है) एक
प्राइमरी स्कूल बहुत दिनों से स्थापित था | तीर्थ राम जी बहुत ही
छोटी अवस्था इस पाठशाला में प्रविष्ट हुए । शरीर के छोटे और
पटने तथा स्मरण शक्ति में अधिक चतुर देंख कर पाटा (उम
स्कूल) के बह़ें अध्यापक (मौलवी मह्मददीन जी) इन पर बड़े प्रसत्
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