बनौषधि प्रकाश वैधक | Banoshadhi Prakash Vaidhak

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Banoshadhi Prakash Vaidhak by वनौषधि प्रकाश - Banoshadhi Prakash

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ये? बची पाषिं प्रकाश 1 लवननणणणाणणणानााततयल्‍यल्‍ईएस्‍यल्‍यतल्‍एशगतयुतयल्‍यल्‍एस्‍यएल्‍एत जुर्ण दाष-ा _ आाखु कर्णी कट्टर्णाच फफ पित्ता पर्दा खरा 1 भानाइ ज्पर झुप्नी पालनी राज नामक ॥ इदोग कफ जन्तुप्री धन्वस्तरिं निधट के । फघु शीला च तिका कपाया माष नामके ॥ भर्थत्‌--कड्ट गरम फफ पित्त दर्ने बाकी दस्तावर अफारा ज्वर झूक इृद्ाग कमा दरन घाछां वचिर गुण करा पाथिक मच शोध विषद्दर मोर शॉयय्र दे । धन मवोंग सा _. ९ वयूदेके विष पर--इरका फोड़ा कर विदयाना आर देश स्थानकों उस्ती ले घोना । ९ प्रमेद पर--इसके परठाफ़ो पीस कर उनदा स्परस लिकाछ कर मिश्री मिला कर लाना । ३ ज्वरकते पद्घात रही छुइं कमजारी पर--मूपा करने प्सिकाय काली मिर्रे इसका काढ़ा करके पिछाना 1 शे विस्फोटक पर-इसके काइंम शद्त द्वाछ् कर पिछाना। ९0 सुज्नावरोध पर-सुषा करनी .प्राथ।ण भेद हैं गोखरू _ ताल मखाना ककड़ी के दीन इनका काढ़ा कर मिश्री छिक्ा कर पिलाना भौर इसको पेड्ट पर ठेप करना । ६ झुरदेक ददे पर--इसके स्परक्षम फलोपका स्वरस ढाल कर पाना । ७ . रतवां रोग पर--इसके रुघरसका छेप करना ८ . घात रक्त पर-इसका बफारा ऐसा ।




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