पुराण सार संग्रह भाग २ | Puran Sar Sangrah Part 2
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
230
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषयानुक्रम
भगवानका दीक्षा-कल्याणक
চা <
चतुथ सगे
पद्मखेटपुरमे धन्य राजाके यषां भगवानूकी पारणा
ओर पञ्चाश्चय
उक्त श्वं वरदेव द्वारा भगवान् पर उपसर्ग
धरणेन्द्र जर पद्मावती वारा उपसगंका निवारण
केवलज्ञान-कल्याणक
पश्चम सर्ग
भगवानकी स्तुति
भगवानके समवसरणर्म दश्च गणधर आदिकी
संख्याका निर्देश
भगवानूका ६९ वषं ८ माहतक विहार
भगवानूका सम्मेदाचरूपर योगनिरोध व मुक्तिखाभ
निर्वाण-कल्याणक
वधमान-चरित
प्रथम से
मंगलाचरण
छत्नाकारपुरके राजा नन्दिवर्धन व उनका वेराग्य
छत्राकार पुरमें नन्दिवर्धन राजाके पुत्र नन््दुन-द्वारा
प्रोष्टल मुनिसे अपने पू्व॑भव पूछना
प्रोष्टिल मुनि-द्वारा नन्दनके पूवे भवोका कथन
प्रसंगसे नन्दनके आठवें भव पूर्व सिंह अवस्था
मुनि-द्वारा सिंहके पूर्च भव कथन
१७२
१९८
१४८
१1७००
1००
१७०६
१७८
१६०
१६०
१६२
१६४
१६४
१६६
१६८
१६९८
११
१४७३
१४९
९४९
१७५१९
१५१
१५७
१५९
१६१
५६१
१६३
१६५
१६५
१६७
१६९
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