निहालदे - सुलतान | Nihalde Sultan
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
158
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)स्टिथ थामसन के प्रमाण से जन्म के उपरात्त बीर-याश्रा मे जो वात्तध्यान
प्रकवित करती है, वह है--
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ऐसे वीर पुरुष को घर छोड़कर यात्रा पर जाना पडता है, और इस यात्रा मे उसे
वविध साहसपूर्ण वाये करने पडते है । भारत म॑ ऐसे वीरो की एवं लम्बी परम्परा है 1
तम को देश निवाला पिला विमाता के वारण, जगदेव पवार को भौ विमाता भै दारण
पर छोडकर यात्रा पर निकलना पड़ा है। रिसालू को किसी भिन्न कारण से घर छोड कर
नाना पडा है, पर सुलतान और रिसाल की परिस्थितियाँ कुछ-कुछ समान हैं ।
सुलतान सात वर्ष का हुप्ना तो उसने तौर कमान बनाई और पनघट पर घड़े फोडना
शुरू किया | शिवायत पहुँचने पर राजा ने ताँवे के घडे बनवा दिये । सुलतान ने भी तीर
वमान पये मनवा प्रोर एव ब्राह्मण-वस्या का कलप फोड दिया । उसके हठ पर मुलतान
को देश निकाला मिला । यही- कु ऐसा ही वृत्त रिसाल.का है 1
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यद्यपि ज्योतिष द्वारा वर्जन भी रिसालू केलिए एक वावा थी। पर यह घडा
फोडना और तद्विपयय उसवी शिकायत को भी रिसालू के कथाकार ने उसके घर छोड वर
जाने का वारण वल्पित अ्रवश्य किया है ।
तो, १२ वर्ष तक का बनवास मिला सुलतान को । १२ को सख्या भो ऐसे संदर्भ ম
महत्त्वपूष्ठ है । रिसालू को १२ वर्ष तक न देखने का वर्जन ज्योतिष से था उसके मा बाप
को । राम को भी १२ वपं का वनवास मिला1
१ सणवत्तः कथाकार को 'गोवीचन्दः की कथा का प्रचलित एक रुप भी स्मरण म था जो
प्रनजाने में इस कथा म छुड गया है । बगला भाषा मे 'मयनामतीर गान” मे बताया मया
है कि यह देखकर कि गोपीचन्द की श्रायु केवल १८ वपं है, उसने गोपीचन्द को हाडिपा
जानन्यरनाय का झिप्य बनवा दिया और वे बारह वर्ष तक के लिए प्रव्रजित हो गये ।
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