राज्यप्रबंध शिक्षा | Rajyaprabandh Shiksha

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Rajyaprabandh Shiksha  by रामचंद्र शुक्ल - Ramchandra Shukla

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about रामचंद्र शुक्ल - Ramchandra Shukla

Add Infomation AboutRamchandra Shukla

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
राज्यप्रबंध-शिक्षा खंदा -राजापों कं पःख सभा समाजों या और अन्य कार्यो के लिए सहायता या चंद क॑ लिए सेकड़ां प्राथेनाएं पहुँचती हैं । कीइ अपनी किताब के प्रकाशित हा जाने पर उसकी कुछ पतियाँ खरीदे जाने की प्राथना करता है, काइ मंदिर, घाट, या धर~ হানা बनाने के लिए सट्ठायता माँगता है; कोई घुड़दे।ड़ के लिए कुछ चंदा चाहता ऐ; इसी प्रकार स्कूल, ध्मस्पताल, नाटक, धोड़ों की नुमाइश, सूक्ष्मफल्ला, नए व्यवसाय आदि अनेक कार्यों में महाराज से उदारता दिखाने कौ प्राथना को जायगो | यद्र ता माफ कट हे कि काई राजा या महाराजा इन सारी प्राथेनाओं का पूरा नहीं कर सकता हे। इसलिए राजा महाराजाओं का वहुत समझ वूककर काम करना होता है। योंते इस प्रकार की बातें सामने आने पर प्रत्येक के गुण देप का लग अलग विचार करना होता है पर साधा- रणत: नीचे लिखी वातां का विचार रखना चाहिए--- पहले ते यह याद रखना चाहिए कि धन जो कि चंदे या सहायता में दिया जायगा वह राज्य की प्रजा से उगाहा हुआ




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now