नैषध परिशीलन | Naishadh Parishilan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22 MB
कुल पष्ठ :
570
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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৮ ২৩ 4
१
कण -- पुरुरवा (एल) कौ उत्पत्ति तथा उनमे उ्वंशी का अनुराग --
दुर्वासा का इन्ध को शाप--शंकर का शक्ति को अस्र वनाना तथा त्रिपुर
दाह---अर्जुन सहायता में शिव-द्वारा कुह सेना का विनाश--सुरुपत्ती
तारा में चन्द्रमा कौ आसक्ति -- वेदव्यास दारा भ्रातृ-पत्त्ियों में पुत्रोत्पत्ति
--त्रह्या का अपनी कन्या से दुत्त -- व्यासोत्पत्ति -- इन्द्रं का ब्राह्मणं
रूप में कर्ण से कवच-कुण्डल माँगता--सूर्य भक्त साम्ब--द्वादशकेशव
मूत्तियां--राम द्वारा शम्बूक वध--विष्णु के सित केश रूप बलराम---
दत्तात्रेय अवतार---राम का सीता तथा लक्ष्मण से वियोग---हरिहर---
शकराचल दान--गझुड़ामरेन्द्रसमर--अन्निनेत्र से चंद्रमा की उत्पत्ति तथा
दक्ष की सत्ताइस कन्याओं से उनका विवाह---चन्द्रमा की सागर से उत्पत्ति---
शुक्र हारा कच की संजीवनी--विद्या का दान--शंख लिखित करा आच्यान--
विश्वामित्र का त्रिशंकु को सशरीर स्वर्ग भेजना तथा नूतन सुष्टि रचना---
शोक: इलोकत्वमागतः --- गौतम का इन्द्र और अहल्या को शाप--मेघनाद
हारा मायानिरभित सीता का वध--मन्देह नामक राक्षसो पर सूयं का प्रात्यहिक
'विजय--शम्भुदारुवन सम्भुजिक्रिया---तारादेवी--वबुद्ध द्वारा मार विजय।
त्रयोदश अध्याय प्० ४५७-५१०
च्युत्पत्ति -- धर्मश्ासत्र तथा अन्य विविध विषय
धर्मशास्त्र --- आयुर्वेद -- धतुरवेद -- सामुद्रिक शास्त्र -- संगीत --
नाट्य -- मन्त्र-तन्व -- रजनीति -- अरूंकार -- माणिक्य -- ज्ञान --
तुरग लक्षण -- तियं ग्योनि विषयक -- पक्षिविज्ञान -- जर्चर विज्ञान --
कृला -- ज्ञान --- शिल्प ( चित्रकारी )---शकुन -- सूप शास्त्र---लोकरीति ।
चतुर्देश अध्याय पु० ५११-फ४४
लोक-चित्रण
वर्णाक्षम --- विवाह --- भोजन ---वस्त्राभुषण --- विछास --- चित्रकला---
संगीत कला--देवपुजा--सावारण सामाजिक जीवन--अचलित धारणाएं
“+जौद्ध तथा जैन सम्प्रदाय ।
पंचदश अध्याय ১৬৬৬
प्रदान
संस्कतं साहित्य में नैयव का महत्वपूर्णं स्थान--पदचात्तन साहित्य मे नैपव
का प्रभाव--तैपव पर विद्वानों की दीकाएं।
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