हिंदी कहानियों में व्यक्तित्व विशलेषण | Hindi Kahaniyon Mein Vyaktitv Vishleshan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१४ के चिच्तेवस््‌ द्वारा -- स्थायों भाव और भावता ग्रन्थियों का बविश्लेषश -- अकस्य छक्ति कः विष्नेप -- स्मृति का चित्रशा - अदधाव का विद्लेयत -- कल्पना का चित्रण -- चिस्तन भौर तं त (वदनेषु -- शुषि का विश्लेषण -- स्वस्न-विदतेषस ३. ्यन्नितसव विददेधस की अन्य मसोवैज्ञानिक प्रेशालियाँ 1 अध्याय -- चार : हिन्दी कहानो साहित्य प्रारस्भिक काल. ६२-१०४ उ्वक्तित्त विश्लेषण के हब्ठिकोश से) -- सन्‌ १६०० तक 8 अनसाधिर -- मासिकेतोब,स्यान-रानी केंतकी की कहानी -- भाव ঈদ बुझ ऋोर कहानी साहित्य --- पाइधात्व शिक्षा का अभाव -- आरकेडु हरिश्दस््ध की कहातियाँ और उनके पात्र -- भारतेन्दु बुद् के अन्‍य कहानीकार | চাদরে णुच : हिन्दी कंह्ामियों का प्रथम बुर --- १०८१३ {१९०१-२ ० कष; व्यवितत्के-विशलेदेश का स्वरूप अंग्रेज़ी को अनूदित कहानियों और उनरें, व्यक्तित्व-विश्लेषण “ सशाकुष्ण्दास ही অনুদিত कहानियाँ-गिरिजाकुंमार घोष की अनूदित গালিব বন্য ভিন प्रनुवावफ --- संस्कृत से प्रचुदित कहातियाँ -- बंगला से ग्रमुदित कहानियाँ -- बंगमहिला की कहानियाँ -- भट्टाचार्द की कहानियाँ -- मौलिक कहादी भस्स्थद एं व्ववितत्व-विश्लेषण -- हिन्दी को अथम সীজিক कहाडही --- अथम दक्षक के अमुखः कहानीकार धौर उनकी कृतियों में व्यक्तित्व-विदलेषशा -- पंडित किक्षोरीलाल ग्रोस्वामी --- पंडित रापचन्द्र शुक्ल -- श्री ग्रिरिजादत्त वाजपेयी --.- लाला धर्वदीनन्दन -- आाचाय॑ महावीर प्रसाद ददी -- कृन्दावनलालं कमी ---- मास्टर भ्रवदानदास बीए छु० -- उदयनारायर बाज- यैबी -- मेविलीक्रण गुप्त श्री विद्यानाथश्माो-प्रथम दक्षक में व्यव्तित्व-- किस्लेंदश को सामान्य प्रवृत्तियाँ -- प्रेम तया सनो- ' “ रनु कटनिग्शे में प्यक्तिवव-विंदलेषण -_ ऐतिहासिक कथा- ` ` , कौतुक জাঙাহিও হজ্ানিযী हूँ व्यि त्व-वि्नेषरः -- जादुकी ' 7 जद साहुए-पवान कहानियों में व्य कास्व-विस्लेषण -.. सामाजिक ` ` `नि উই बवकिसमविश्लेदंस --- उपदेशत्घक कहानियों हे




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