मिटटी सभी रोगों की रामबाण औषधि हैं | Mitti Sabhi Rogo Ki Ramban Aushadhi Hai
श्रेणी : आयुर्वेद / Ayurveda
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.18 MB
कुल पष्ठ :
34
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)रैक
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दायक है | सारे शरीर के मल पदार्थ पेट से ,द्ी, सब जगह जाकर
रोग ब पीड़ा उत्पन्न करते हैं ।
हर प्रकार का बुखार अच्छा करने में गीली मिट्टी की पटटी
सर्व-श्रेप्ठ साधन है । सभी तेज वीमारियों में इसे अवश्य लगाना
चाहिए । मोतीजरा, लंगड़ा घुखार, चेचक, मलेरिया प्लेग आदि 1.
में और सभी प्रकार के रोग हैजा आदि में पेट पर गीली मिट्टी
लगाना एक अत्यन्त रामवाण व अचूक उपाय है और लाखों
जानें बचाई जा सकती हैं । [ हर प्रकार के ब्वरों के रामवाण
उपचार हमारी पुस्तक “ब्वर के कारण व चिकित्सा” में पढ़िए,
मूल्य ] खेद है आज भारतीय जनता कृत्रिम औषधियों के
'पीछे दौडती है और उनसे आरोग्य लाभ की आशा रखती है,
पर क्या प्रकृति विरुद्ध साधनों से आरोग्य संभव है ? हरगिज
' नहीं । आज देश में प्लेग, मलेरिया, दहेज आदि से लाखों आदमी
मर रहे हैं । दवा निकलने पर भी यह भयंकर रोग कायू
पमें नहीं आते । प्लेग को गिल्टी कैसी भयंकर होतों हे, आग की
तरह जलर्ता है, रोगी उसके मारे अकथनीय पीड़ा भोगता है
तीर प्रकृति-विरुद्ध साधन चिराना; डाह देना, व लेप आदि से
कुछ लाभ न होकर मर जाता है । गिल्टी न फूटती है. न बैठती
। ऐसे समय प्रकृतिदृत्त गीली सिट्टी श्रासों की रक्षा
करेगी, विधि-पूर्बक स्वाभाविक उपचारों के“ साथ-साथ पेट पर
और गिल्टी पर गीली मिट्टी लगाने से गिल्टी अच्छी हो जायगी।
बुखार उतर जायगा और रोगी के प्राण बच जायंगे । पर आज
कितने डाक्टर, वैद्य, दक़ीम ऐसे हैं जो प्लेग में गिरटी पर मिट्टी
लगाना पसन्द करेंगे । वें तो मनसानी दवाइयां, इंजेक्शन आदि
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