कस्तूरी कुंडल बसै | Kasturi Kundal Basae
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
285
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अन्तर्यात्रा के मूल सुत्र १७
झाते हुए अनुभव किया था । स्त्री ने दायद तुम्हारे भीतर जो था उसकी ही प्रति-
ध्वनि की थी । कभी धन के सप्रह मे, कभी अहुकार की तृप्ति मे, पद-प्रतिष्ठा में
तुम्हे गध आती भ्रनुभव हुई ।
मैने सुना है, एक जगरमे ठेसा हुआ, एक लोमी ने एकं खरगोश को पकड
लिया । बह उसेखनेहीजारहौ थी, सुव्रहका नाह्ताही करनेको तैयारी षी
कि खरगोद ने कहा, “”रुको ! तुम लोमढी हा हा, इसका सबूत कया ?” ऐसा कभी
क्रिती खरगोद्द ने इतिहास में पूछा ही नहीं था । लोमडी भी सकते मे श्रा भयी ।
उसे भी पहली दफे विचार उठा कि बात तो ठीक है, सबत क्या है * उस खरगोश
ने पूछा, ” प्रमाण-पत्र कहा है, सर्टिफिकेट कहा है * ” उसने खरगोदा से कहा, ^ तू
रुक, में अभी आती हु । '
वह गई जगल के राजा के पास, सिंह के पास, और उसने कहा, ” एक खरगोश
ने मुझे मुश्किल मे डाल दिया । मैं उसे खाने ही जा रही थी तो उसने कहा, रुक?
सर्टिफिकेट कहा है ?
सिंह ने अपने सिर पर हाथ मार लिया भर कहा कि आदमियों की बीमारी जगल
में भी भा गई। कल मैंने एक मधे का पकड़ा, वह गधा बोला कि पहले सबूत,
प्रमाण-पत्र क्या * पहले ता मैं भी सकते मे आ गया कि आज तक किसी गधे ने पूछा
ही नहीं । इस गधे का क्या हा गया है * वह आदमी के सत्सग में रह चुका था ।
सिंह ने कहा, मैं लिखे देता हू । उसने लिख के दिया, सही कि यह लामडी
ही है।
लोमडी गई, बडी प्रसस्न, लेकर सर्टिफिकेट । खरगोध बेठा था । लोमडी को तो
शक था कि भाग जायेगा, कि सब धोखा है । लेकिन नही, खरगोदा बेठा था ।
खरगोदा ने सर्टिफिकेट पढ़ा, लोमडी के हाथ में सर्टिफिकेट दिया भौर भाग खडा
हुआ । पास के ही बिल मे, जमीन मे अतर्धान हो गया । लोमडी सर्टिफिकेट के
लेने-देने मे लग गई भौर उस बीच वह खिसक गया । वह बड़ी हैरान हुई । वह
बापस सिंह के पास भाई कि यह तो बहुत मुरददिकल की बात हो गई । सटिफिकेट
तो मिल गया, लेकिन वह खरगाद निकल गया । तुमने गधे के साथ क्या किया
था? सिंह ने कहा कि देख, जब मुझे भूख लगी होती है, तब मैं सटिफिकेट की
चिता नहीं करता, पहले मैं भोजन करता हु । वही काफी सर्टिफिकेट है कि मैं सिह
हु । भर जब मैं भूवा नहीं होता तो मैं सर्टिफिकेट की बिलकुल चित! नहीं करता ।
मैं बुनता ही नहीं । मगर यह बीमारी जोर से फेल रही है ।
आदमी में यह बीमारी बढ़ी पुरानी है, जानवरों मे शायद अभी पहुंची होगी ।
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