श्री प्रश्नोत्तररत्नचिंतामणि | Shri Prashnotarratnchintamani

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : श्री प्रश्नोत्तररत्नचिंतामणि  - Shri Prashnotarratnchintamani

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अनूपचंद मलुकचंद - Anoopchand Malukchand

Add Infomation AboutAnoopchand Malukchand

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
७ १५ आचार्यं प॑चमहावत रदित होत्र तो ग्रो आचार्यं कदे जवं या नदी? १७३ १६ ऐसे गुणवत आचाय न हो हो कया करना ? १७४ १७ एङ परमाणु कितने वर्णं होते है ? २७९ (१८ गौतम पदधा तप करते है ओर चद्नयालासा अष्टम उरते दं जीर जवीः जीफों च्दोराते हैं से क्या करना ९७९५. ९१९ एक रिथतिस्यानरमं अ प्यवसाय स्थानक तने होर ? ९७५ २० निस गतिर आयुप्य साधा वो कायम रदव सि फरफार शे सर { १७५ २१५ वसैमान काले आयुष्य कितना होवे ? १७५ ९२२ शरुद्धअञ्चुद्ध क्षायक समकितङे भेद किस ग्रथमें किस जगह वतलायि हैं १७६ १२३ चार अनुयोग ई उन्म निथय कौनसा ओर व्यदार फीनहाहै१ ९७५ १२८ नौ रसीरा रल मूरयोदयसे दा घड़ी तक कि दथेरीरी रेसाए माठपर ह्वे बाद दो घदी तफ दे? १७७ १२५ गुजोकों वच्च पटनानेका अधिकार दाच्च आता हैं और नहीं पदनाते ई उसफा क्या सवय ६! ९७८ १२६ देवताका अदपिष्रान कदां वरुका दो ! १७८ १२७ तीर्मकरनी कौनसे आरेमें होवें ? और कौनसे आरेमें सिद्धि यरें ! १७९ १०८ मजुप्य गमभेजकी सख्या कितनी कही ह ? और सामान्य मनुष्यरी फितनी है! ९७९ १२९ अदवाई दीप सिस तरह फे ई ! ९८० १३० जिनमदिरमें दीपफ खुटे ररखे जाति हे सो योग्य दै या नहीं ? १८० ९६१ मदिरझा साल मुहूर्त, फरने शी जगह देखने सीकति नेना जर अन्य श्निरयोगी समान द या यल्ग १८१ १४४ सामायिफर्म घड़ी रखते हें वो आया है * १८१ १६३६ श्रावकर्को चरला ओर यदपत्त रखमेकी मर्यादा शच सम्यत है १८१ १३४ श्रावक खन पठने जसा दै या नहीं * १८२ ९३५ जनमें लख्खों रे दूसरे शुभ मार्गमें व्यय करने है दर जञानये व्यय नीं फरतें हैं इसका कया सपर ४ * १८३




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now