व्यावसाथिक शिक्षा के प्राराम्भिक सिद्धान्त | Vyavasayik Siksha Ke Prarambhik Siddhant

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Vyavasayik Siksha Ke Prarambhik Siddhant by एस. सी. सक्सेना - S. C. Saxena

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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९) रुचि नही थी । हैनरी फोर्ड ने ्रपनी सचि से मोटर का उद्योग प्रारम्म कयि श्रौर्‌द्ष व्यवसाय में उसे जो सफलता मिली है उससे श्राज विश्व मलों प्रकार परिचित है। यदि वह श्रपना पदक व्यवसाय ही करता तो समवत उसे सफलता नहीं मिलती भोर ९->2~>९~>९~>९ “>~ म न वद्‌ इतना धनी हौ हो पाता । इस ५ व्यापार की स्थापना में सम्बन्ध में हमे यह यहीं भूलता चाहिये विचारसीय तत्व कि श्रपनी रुचि के व्यवसाप मे धोखा भी १ व्यापारका चुनावः ५ हो सकता है । कभी-कभी ऐसा होता है (शर) व्यक्तिगत रुचि । कि किसी कार्य को ऊपरी शोभा से मोहित (ब) योग्यता ८ होकर हम उसे करने लगते हैं किन्तु बाद (स) उपलब्ध क्षेत्र । में पताते हैं । इसके विपरीत, यह भी हद) पूजन को मात्रा + सभव है कि श्रजानता के कारण किसी २. प्रारम्मिक श्रनुसन्धान या 0 कार्य में हमारी भ्दथि हो। ऐसा भी प्रवर्तत । देखा गया है कि एक व्यक्ति भ्रष्विका ब्यावसाधिक संगठन का कार्य प्रारम्भ करता है परन्तु धीरे-धोरे वह स्वरूपः उसको खममने लगता है तथा कुछ समय (मर) एकाको व्यापार । बाद उसमे उसकी रुचि पदा हो जाती है । (व) साकेदारी का व्यापार । (ब) पोष्यता--व्यक्तिपत रुचि के (ए) कम्पनी फा च्यापार । बाद दूसरा घटक है योग्यता (0581५) । (ड) सहकारो व्यापार 1 विना व्यावसायिक योग्यता के हम किसी व्यवसाय प्रारम्भ करने को । भो कार्यं को सफलतापूर्वक नहीं कर श्रता लेना 1 सकते । योग्यता पेूक हो सकती हैं श्रथवा पुजी का एकप्रीकरण । श्नुमव एवं शिक्षा से भी इसे प्राप्त ब्यवसाय का स्थान किया जा सकता है । पंतृक योग्यता पर (प) कच्चे माल की सुलमता । ५ तो हमारा कोई वश नदी होता! भ्रनुमव (भा) सस्ती दक्ति की छुलमता । टे धीरे-धीरे प्राप्त होता है। हाँ, शिक्षा (ध) रन ( ही भ्रवश्य योग्यता प्राप्त करने का एक उचित उचित (ई) यातापाद एव सदेशबाहुन साधन है। को सुविधाएं । का (उ) भनूकूल ललवायू 1 (ष) उपलब्ध केत्--्यापार के (@) भविक मामि । ५ चुनाव के सम्बन्ध में निर्णय करते समय ७. कर्मचारियों फा चुनाव । ग्यक्तियत रुचि भोर योग्यता के अतिरिक्त ४ ८. कार्यालय की सामप्री । 9 अ ति \ < राजकीय नोति। मी ध्यान रखना चाहिये । कुछ ब्यापारिक ५२.२.०९ ~> ->९ ~ केके मे बडी तीखी भ्तियों गिता रहती है । अत वहाँ लये व्यापारी के लिये पर टिकाता बडे साहस का काम होता है । इसलिये ्यापार में अवेश करने वाले व्यक्ति को ऐसा व्यापार चुनना चाहिये, जिसमें बम थे दी हि कि व, व > ९ ९ ->९ ~>ए. < % ॥। 2




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