मैथिल कोकिल विद्यापति | Maithil Kokil Vidyapati
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
167.64 MB
कुल पष्ठ :
270
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)वत्त सान सिधिलाधिप के पुर्वक्ों का राच्यरसंखापन छोभे के. पद...
.... सिर्ुतप्रदेश में एक राजवंथ का अधिकार था जिस वंश में शिवस्ि्द
... भामक एक सुविख्यात राज्ञा हो गये हैं। उस वंश के आदिपुरुष लगत्पुर
....... नामकस्थान में वास करते थे । कालान्तर में उसी वंश के ओएन ठाकुर
......... किसी राजा की ओर से ओएनी माभक एक गांव पाकर वच्चीं रहने लगे। . का
........ छन्हों को पांचवीं पौढ़ी में कासेश्र एक धर्मालुरागी पुरुष ुए। जिस...
गा ः ं समय कामेखर ओएनी में वास करतेथे उस समय गान्यदेव के बंथधर
डा सु पं _ दुरिसिंच देव सिथिला प्रदेश के शासनकर्ता थे । कामेश्यर राजपश्डित थे।
था कि पर संभवत! नान्यदेव देश + . शकाब्द क अंत भाग में राजा इए थ। थे
हा कर्नाट' देशीय चचिय थे। रन्होंने किस प्रकार सिधिला प्रदेश का
. शासमदण्ड चस्सगत किया था यदद बात ज्ञात नदी । किन्तु उन के पश्चात्
_.. खन के वंशघर लोग भी सिधिला के शासमकर्ता थे । एम
... ऋ “साहित्य परिषद ” भाग ७, छंख्ा १, में खो विनोदविहारौ
.... काव्यतोथ लिखित एक प्रबन्ध पकाशित इुआ है जिस में लिखा है...
कि“ सिसरोनगढ़ नामक एक स्थान में एक कोर्तिशिला पायी गयी है,
चरमया होअ इस इन दे. हा
_............. नन्देस्दु-विस्दु-विधु-सम्मित शाक्षषे
............ तच्छावण सितदे हुनिसिद्ध-तिध्यां
....... सवाती शनेश्ररयुते करिवेरि सग्ने
......... तन्ञान्यदेवत्पतिरिदधीत पास्तुम् ॥ कि
न अर्धात् मद्ाराज नान्यदेव ने १०१८४. शकाब्द के श्रावण सास कै
शुक्षपचष सप्तमी तिथि स्वाती नच्त्र में शनिवार को. सिंइलण्न में यह वस॒
सदेवनासधेय:कुसार:. मर ः न
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