मैं इनसे मिला वोल. - २ | Main In Se Mila Vol - 2

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Main In Se Mila Vol - 2 by पद्मसिंह शर्मा - Padmsingh Sharma

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पद्मसिंह शर्मा - Padmsingh Sharma

Add Infomation AboutPadmsingh Sharma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
१ } भि प्रोफेसर इन्द्र विद्यावाचस्पति ४ जून की वात है। दोपहर के १९ वजे होंगे । मैं दिल्ली के विख्यात हिन्दी -अंग्रेजी -पुस्तकों के प्रकाशक, श्लात्माराम एण्ड संस की दुकान पर बेठा था कि अचानक भाई श्री क्षेमचन्द्र 'सुमन' ने कहा --“'इन्द्र जी आये हैं, चलो मिल लें ।” में इस बार उनसे मिलने का निश्चय करके ही दिल्ली गया था । इसलिए मैं 'सुमन' जी के साथ दुकान के पीछे के हिस्से से, जहाँ सुमनजी बैठते हैं, वाहर श्वाया । एक साढ़े पाँच फुट लम्बा, दुवला-पतला, लगभग ६० वर्ष की उम्र का व्यक्ति जिसका सिर नंगा, बदन पर खददर की थोती और कुर्ता, तथा पैरों में चप्पल थी, आत्माराम एण्ड संस के दिन्दी-विभाग के प्रवन्धक श्री भीमसेन जी से किसी पुस्तकके विपयमें वातकर रहाथा। उसते सुमनः जी ने मेरा परिचय कराते हए बताया, “यदी इन्दर जी हैं, जिनसे तुम इण्टरव्यू के लिए मिलना चाहते थे ।”” मैंने उन्दे प्रणाम किया श्रौर अपनी “मैं इनसे मिला” नामक इण्टरव्यू की पुस्तक उन्हें भेंट करते हुए उनसे प्रार्थना की कि वे इण्टरव्यू के लिए कोई समय श्रौर दिन निश्चित कर दें तथा पुस्तक पर सम्मति भी दे दें । उस समय मेरा खयाल था किवे दोनों कामों के लिए शीघ्र तैयार दो जायेंगे, लेकिन उन्होंने




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now