जैफरसन प्रबन्ध और परिचय | Jaipharsan Prabandh Aur Parichay

लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
256
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)से जेफेसन श्यास-पास के इलाके के विपय मैं गर्मी रता पूर्वक श्रष्ययन कर रहे
थे | उख श्रष्यवसाद में नलवायु, उठे प्राकृतिक सौन्दर्य, उसके पशु शर
वनस्तियौ, खविरजो, जल-मागो, कृषि श्रीर उसके शांतन-प्रबन्व--इन सब
विष्यो का एक प्रमावशाली संकलन उन्दोंने किया या । बाद में यह पाणड-
लिपि “नोट्स श्रॉन बर्जिनिया' के रूप में प्रकट हुई । यद उल्लेखनीय पुस्तक,
जो बाहरी प्रकृति के वरणो ॐ गदनं विश्लेषण से सम्पन्न है श्र जिसमें
उसी प्रकार नैतिक, राजनीतिक श्रौर सामाजिक प्रश्नों पर मी स्पीकरण
किया गया है, श्राने चाले बर्षी में दोनें मदाद्वीपों के देशनिकों श्रीर विद्वानों
द्वारा पढ़ी गई ।
दून तेलन-शयं के मददीनों में जेफरसन को नो बोद्ध श्राननः श्रौर
हुख प्राप्त हुध्ा पा, च शीघ्र ही महानतप्र्यक्तिगत चति ३ कारु विलोन
हो गया । उनकी पत्नी मर १७८२ में श्रपनौ श्रन्तिम कन्या ढे बन्म-काल
से रोग-शेया र पदी थी, श्रौर उसी बर्ष लितम्बर हे श्रारम्म मैं डनकी मृत्यु
हो गई । पतली की सृत्यु के उपरान्त जेफरसन तोने सप्ताइ तके झपने कमर
में दी बंद रे, श्रीर उनकी पुरी मायौ दे शब्दों में वे “लगमग निरन्तर रावं
श्रौर दिन टइलते रदते थे श्रीर देवल बभी-बमी लेट-से ब्यते, थ९ दई पूर्ण
तया थक खाति ये |» ब् श्रत्यषिह संयमी ये, उन्होंने श्रपने पत्रें में यदा-
कटा ही रपी पनी का उत्लेव स्या ऐ। तिस पर मी, उनडे निश्टतम
सापी यहभली्भोतिशन्तियेकिवहञरष्री प्तोष्मी पिस्थृत नहीं का
सके जिषे साथ दस बर्प तक दह परे ये श्रौर दिखे उन्होंने ऐम दिया था ।
बहत वर्ते गट, जर लाये शै पनी श मयु धे गरं शरो उन्हेन नेष
सन को उस एक ब्यक्ति की मॉति लिखा था कि दो इस प्रकार के दुख मैं
पढ़ा हुश्रा श्पनी अनन्त बेदसा को सली मींति समक सडता था ।
भीमती देपरसन की मृत्यु दे उपरान्त दे मद्दीनों में राश्नीति रे विस्य
गिति एश्ान्ते ब्यक्ति के लिए मासटेनिलो का सामान्य सोनर्य लुत दो चुका
था पेतः उन्होने पानम द्मे सावेडनिक कार्यों मैं माग लेने से इस्हार
गर दिया था ! रिस््तु द दिन श्राया, ड न्दोंने यूरोर दें सरिप-दार्ा दे.
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