मानसिक चिकित्सा | Maansik Chikitsa
श्रेणी : स्वास्थ्य / Health
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
58.9 MB
कुल पष्ठ :
445
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषय प्रवेश ७७ कूये सह/शय अपनी निर्देश- विधि के द्वारा हिस्टीरिया तथा अन्य प्रकार के मगलपन को ठी 6 कर देते थे पर फ्रायड महाशय- ने देखा कि नो लोग एक बार अपने पागलपन से निर्देशनविधि द्वारा अ्रच्छे हो जाते थे वे कमी- _ केंमा फिर से इसी रोग से पी डत ह जाते थे । कूपे महाशय रोग के कारण का वैज्ञानिक श्रव्ययन नहीं करते थे । कारण के जाने हुए ही वे रोग को उपचार करते थे । फ्रायड सहाशय की धारणा हुई कि इस प्रकार रोग का उपचार करने से रोग का दमन मात्र हो सकता है उसकी सभ् रण चिकित्ता नहीं हो सकती | दाश्तव में कई रोगी कूपेमहाशय के पास बार बार श्रपने रोग के उपचार के लिये आते थे अतरव फ्रायड सहाशय-ने योग का बे दंग से झाव्ययन करने की चेष्टा की श्रौर इसके परिणाम स्वरूप एक नये विज्ञान का निर्माण किया | आधुनिकाल में सानसिक रोगों की चिकित्सा प्राय सनोविश्लेघण-विधि थे ही होती है। मनोविश्लेपण-विधि से परिचित व्यक्ति न तो हिस्टीरिया कक श्र पागलपन के रेगी के लिये कोइ लाभ मनोविश्लेषशु-तरिथि.. पहुँचा सकता है और न वह पागलखानों का को उपयोगिता... ्धिकारी होने की योग्यता रखता है। मनोधि- र्लेधण चिकित्सा-बिंधि अन्य प्रकार की से तथा डाक्टर हैं । इनमें से कुछ आध्यात्मिक बातों में विश्वास करते हैं और वे अपनी वैज्ञानिक विधि के साथ-साथ निर्देश विधि का प्रयोग भी करते हैं । स्वयं डाक्टर फ्रायड जड़वादी थे श्और वे विचारों को कोरा भ्रम मात्र मानते थे। पर इजलेंड के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डाक्टर होमरलेन श्राध्यात्मिक बातों में करते थे और वे अपने ययोगों में रोगी के प्रति मैंत्री भावना का झाश्यास करते श्र उसे भी मैंत्री भावना का अभ्यास करते थे । इस प्रकार वे रोगी को न त्पने विशेष रोग से मुक्त कर देते थे बरन् उसके जीवन में मौलिक परिवर्तन कर देते थे । डाक्टर होमर- निधि के वेशालिक दिधि है। इस दिधि का विकास घीरे-घीरे हो रहा है | इस स्व मनोपिश्लेषश निधि के जाननेबाजे अनेक मनोवैज्ञानिक तथा
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