चीन और भारत | Chin Aur Bharat
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
111
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पं. अम्बिकाप्रसाद वाजपेयी - Pt. Ambikaprasad Vajpayee
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चीन और भारत १२
शिक्षा
१९४१-४२ में चीनमें प्रारम्भिक शिक्षा देनेवाले २,३१२,१४४
स्कूल थे, जिनमें ५,३१,२९० शिक्षक और १,९४,९०,०९२ विद्याथी
थे। १९४१-४२ में सेकंडरी (द्वितीय भाषाके ) २,६०६ स्कूलोंसे
५२,७०० शिक्षक और ७,६८,४३० विद्यार्थी थे | उच्चतर शिक्षा देने-
वाली संस्थाओंमें १९४१-४२ में ४८ विश्वविद्यालय, ३७ कलिज,
सौर कारीगरीके ४७ स्कूल थे । १९४१-४२ में शिक्षकोंकी कुल संख्या
८,६६६ ओर विद्यार्थियोंकी ५७,८४३ थी । उच्च शिक्षाका व्यय
९१,९६,५६६ युआन था |
१९३९ मे चीनक्री त्राय २८५ करोड़ डालर थी और इतना दे!
व्यय था | पहले सिक्का तैल था। अब ०.७१७ तैलका एक चाँदी
का डालर चल रहा है। चीनका सैन्यगल देखनेमें जितना बढ़ा जान
पड़ता है, उतना है नहीं । परन्तु १९४२ में चीनने युद्ध-क्षेत्रोंम अनुमान
से ५० लाख जबान भेजे थे |
चीनकी ग्राकृतिक सम्पत्ति और उद्योग-पम्धे
कपास उपजानेमे भारत और अ्मेरिकाके बाद चीनका ही. লাক্স
है। चाय और रेशम उपजानेके सिवा चीनमें सूती कपड़े और
ऊनी कपड़ोंकी मिल्लें हैं. ओर रेशमके भी कारखाने हैं। लोहे, चमड़े,
सीमेंद और दियासल्लाईके कारखाने भी हैँ | पश्चिमी चीनमें कोयला,
सोना, लोहा, तांचा, सीसा, जस्ता, टंशुस्टेन, पारा, सुर्मा और टीन इस
सभी पदार्थोके कारखाने हँ। सइके बहुत हैँ ओर रेलोंकी भी १४
लाइनें हैँ | नौसेना नहीं है । कई गनन्ोट अमेरिकाने दिये है । नदियोंसे
भी यातायातक्ा काम लिया जाता है |
चीनक अधीने राज्य
_ मंग्रोलिया, मंचूरिया, तिब्बत और सिनकियांग या चीनी तुर्किस्तास
User Reviews
No Reviews | Add Yours...