भारत के तीन वीर | Bharat Ke Teen Veer

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Bharat Ke Teen Veer by यशपाल शर्मा - Yashpal Sharmaयोगेन्द्र शर्मा - Yogendra Sharma

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योगेन्द्र शर्मा - Yogendra Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१५ महाराणा प्रताप के सब वीरो ने उनके साथ प्रतिज्ञा की कि उनके बदन मे जब तक एक भी बृद रक्त की रहेंगी तब तक वे मातुभूमि क स्वतन्नता के लिए सघर्ष करते रहेंगे और जो भी प्रतिज्ञाएं महाराणा ने की है उन सबकोग्रपने जीवन में घटाए'गे | | सामतो की प्रतिज्ञा सुनकर महाराणा प्रताप को ग्रात्म- सतोष हुञ्रा। उन्होंने शांति की सास ली श्रौर मातृभूमि को स्वतंत्र करने के संघर्ष मे जुट गए। उन्होने युद्ध की तयारी आरम्भ कर दी। महा राणा प्रताप ने अपनी इस प्रतिज्ञा का श्राजीवन पालन किया | उस दिन के परचात्‌ उन्होंने कभी महल मे निवास नही किया, पलग पर नही सोये और चाँदी-सोने के बतेनो मे भोजन नही किया । महाराणा प्रताप ने उदयपुर के राजमहलो का परित्याग कर उदय सागर फील के निकट एक कुटिया बनवाक्र उसमे रहना भ्रारम्भ किया | महाराणा प्रताप को झ्कबर के उदयपुर पर आक्रमण करने का भय থা । इसलिए आपने उदयपुर निवासियो को नगर खाली




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