नाश का विनाश | Nash Ka Vinash

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Nash Ka Vinash by मामा वरेरकर - Mama Varerakarरामचंद्र रघुनाथ - Ramchandra Raghunath

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

मामा वरेरकर - Mama Varerakar

No Information available about मामा वरेरकर - Mama Varerakar

Add Infomation AboutMama Varerakar

रामचंद्र रघुनाथ - Ramchandra Raghunath

No Information available about रामचंद्र रघुनाथ - Ramchandra Raghunath

Add Infomation AboutRamchandra Raghunath

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
मत्पय प्रसृतो सन्‍्सयथ दशन मन्मय एश मरमय पठ प्रयम शरक दृश्य एक १५ किये बिता वह चेन नहीं लेती । महाराज की इच्छा है कि वह हिमालय न जाय । जो उनकी इच्छा है, वही मेरी भी है । पर हम दोनो की सुनता कौन है ” अच्छा, मानलो हमने उससे कहा भी कि हिमालय मत जा, तो कौन वह हमारी নান मान लेगी ? जैसे-तैसे मैंने महाराज को राजी किया, तव कही वह शान्त हुई । प्रजापतिजी ऐसे भिखसगो को इतना महत्त्व आखिर क्यों दे रहे हैं, मैं कुछ समझ नही पाता । सती इतनी पगली नही कि उस प्राचीन भिखारी को देखकर उसपर मोहित हो जाय । छि -छि , प्रश्न मोहित होने का नही हे । डर यह लगता है कि वहा वह पगला या उसके अनुचर सत्ती का अपमान न कर दें । करने दीजिए उन्हे अपमान ' हम भी देख लेगे । इसके लिए उन्हें उचित दण्ड देने को प्रजापति के अनुचरो मे भी भरपूर शक्ति है । महारानीजी, आप कोई चिता न কই | इस मन्मथं के साथ होने पर किसी भी पुरुष से सती को भय नही । (दक्ष आता है ।) ह मन्मथ सती श्रौर भय, ये दो शब्द एक साथ लाना कायरता का लक्षण हैँ । मती श्रतुल प्रतापशाली दक्ष की कन्या है । उसे भयप्रद लगनेवाला व्यक्ति इस विभुवन में कोई नही । मे धी यही कहता ह । हर व्यक्ति व्यर्थ ही शकर के भय का इतना ढिढोरा पीठ रहा है कि मुझे ऐसा लगने लगा हे, कि कही में भी उससे सचमुच न डरने लग । तुम्हे ऐसा लगेगा ही । तुम में पौरुष की प्रवलता नही है या स्व्रीत्व का आधिक्य है, यही ठीक से समझ में नही आता । यह कहने से क्रि दोनों वरावर है, काम चल जायगा। पर देव, शकर क्या सचमुच इतना भयप्रद प्राणी है ? जिसे भय का भय नहीं, उसे शकर से भय क्यो होगा ? कम-मे- কম मैं तो शकर से जरा भी नही डरता । हिमालय के उच्चतम शिखर पर रहनेवाले उस मनुष्य रूपी गिद्ध को देखकर, वहत




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now