श्रीमद देवचन्द्र भाग 1 | Shrimad Devchandra Bhag-1

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्द कृतिओ होर ते पुस्तकोनों संप्िप्त परिचय कराबी तेमना गयनु इक अगठोकन फरीदु आ भागमा नीचे ममाणे ग्रन्यो दखल कर्या ठे-- १9 आंगमसार २ नयचक्रसार ३ शुरुुण छत्रीशी ४ कमेग्रन्य १ थी ५ ५ कमे सवेघ प्रकरण ६ विचार रत्नसार ७ छूटक प्रश्नोच्तर ८ नण पनो १ आगमसार--सकठ निन सिद्धांतोना दोदनरुप आा ग्रंप अभ्यात्मज्ञानसप गददन ग्रन्थनी मस्तावनारुप छे जेन द्शननां मुरय तत्लोनी ताखणी करी श्रीमदे सर अने स्पष्ट भापामा स्व आगमनों रदस्पस्फोट कर्यों ठे पढ़ द्रव्य आठपप्न सात नय चार निशेष चार प्रमाण सप्तभंगी वगेरे गृढ सिपयोनी चर्चा फरतो आ ग्रन्थ अत्यव लोकपमिय अने भाणीतो ठे एनी महत्तानी पि- छाण करायवा एटडन लखद् यस वे के स्वगम्थ योग- निष्ट आचार्य श्रीमटू उद्धिसागरजी ए टीका लेता पहला आ ग्रन्थनुं सो वार लम्यपन फर्पु इृतु आगमसारनी एफ झुनी मनि के जेमां मतिमापूजा पुष्प पूजा चर्चा सुणम्थानक स्तर्प पापस्थानक सरप ए चार घिपयो के जे उपायेठा आगमसारमा नहोंता 5 हे मत पाइराना भंडारमाथी मी अने ठेवा वयारा याठी थे प्रतिओ न ४०९-५६० सुरतना श्रीमोइन- लालजी मददाराजना भडारमाथी मनी तया तेवी ज एफ मत मुनिशी लाभविनयनों पासेधी मी. तेथी ते पिपयों जे हे स्थडे टास्वल यरी लेदामा जाव्या है २ सपचयप्रसार--फोइ पण पचनने सारी रीते समनया अने




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