अंगुत्तर - निकाय भाग - 2 | Anguttar Nikay Bhag - 2
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
155 MB
कुल पष्ठ :
461
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विनीत, विशारंद, बहुश्रुत, धर्मंधर, धर्मान
मी
दारदी `
धर्मानुसार आचरण करनेवाला .
शोभा बढ़ानेवाला होता है। भिक्षुभो, जो उपासिकीं
धर्मानुसार आचरण करनेवाली होती हं वह संघकी शोभां
धरधर होता
संघको शोभा
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