वृहत् पूजा - संग्रह | Vrahat Pooja-sangrah
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11.14 MB
कुल पष्ठ :
476
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about भंवरलाल नाहटा - Bhanwar Lal Nahta
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सं? रे०३७ बेसाख शुक्छा ४ ता० १८ छप्रेड १६८० को आपका समाधिपुर्वेक स्वग गमन जयपुर में हो गया । जिसकी सूचना टेडीफोन एवं तार द्वारा प्राप्त दोते ही पूरे जैन समाज में शोक छा गया । इजारों की संख्या में दूसरे स्थानों से मक्तजन छापके झन्तिम सस्कार के लिये जयपुर पहुँचे । अन्तिम संस्कार के समय मे भाँपू छिए १५-२० जार व्यक्ति इक्ट्ठ हुए । पूरे भारत के विभिन्न शहरों व गांवों में श्रद्धांजलि समाए हुई । छनेकों स्थानों में आपशी फी पुण्य सदृति में मददोत्सब थे पूजाएँ हुई । प्रचर्तिनीजी श्री घिक्नणश्रीजी जैन समाज के लिये थे प्रकाश थे प्रेरणा थे। उनकी लेन शासन सेवा को कभी सुलाया नददीं जा सकता 1
User Reviews
No Reviews | Add Yours...