लघियस्त्रयादिसंग्रह: | Ladhiyatrayaadisangrah
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
227
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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७ बृहत्रय--- अंथोयं कोल्हापूरनगरीयजैनम्रंथभांडागारे
क्तेते इति श्रुयते ।
& न्यायचूलिका-- अयमपि श्रीमदकलंकदेवप्रणीत इति
श्रूथते परं नोपरभ्यते ।
७ अकलंकस्तोत्रं--- मुद्रितमिद । परमिदमकलकप्रणीते
स्यौन्नवेति संदेहः ।
८ स्वरूपसंबोधनं ।
अन्येऽपि केचन अथाः श्रीमदकलकमगवत्मणीताः स्युरि-
त्यनुमीयते ।
सर्वमिदं भगवदकरंकदेववृत्तं जेनहितेषिनामकमासिक-
पुस्तके एकादशतमभागे ७।८ अंकयोरविस्तरसो रिखितम-
, स्माभिरत्र तु संक्षिप्य जिज्ञासुविद्भजनसतोषाय प्रकारित-
मिति शम् ॥
श्रीमदभयचन्द्रसूरिः ।
भट्टाकलंकप्रणीतलधीयस्रयव्याख्यानमंथा अनेके स्युरित्यिनु-
मीयते । दवौ व्याख्याग्रंथौ इदानीयुपलब्धौ तयोरेकः श्ीपर-
माधेद्राषार्यप्रणीतो न्यायकुषुदचद्रोदयनामा अपरश्च स्याद्रा
दभूषणापरमाम्नी तात्प्यवृत्तिः । इयं तातव्यदृत्तिः श्रीमद -
मयचद्रसूरिप्रणीता यायकुमुदचैद्रोदयादवीचीना । यतस्त-
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