देवाधिदेव अरिहंत-भक्ति | Devadhidev Arihant-Bhakti
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
811 KB
कुल पष्ठ :
64
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about मुनिश्री भद्रगुप्तविजयजी - Munishree Bhadrguptvijayji
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)॥ ## हो अह म ॥
देवापिदेव आरिहंत-भक्ति
सिद्धमर्यमणिदियमणयज्नमच्चुय॑ बीर ।
पणमामि मयर तिहुयण-मत्थय-चूडामणि सिरसा ॥
सिद्ध अरूपी अगोचर, अननद्य-पवित्र, स्थिर स्पभाय बाला
आर समगर पीन भुवन के मस्तक फ चूडामणि सैसेश्ची महाबीर स्वामी
को में भस्तर दारा नमस्कार ररता हूँ ।
देवाधिदेव अरिहत-भक्ति का মনত
श्री अहत् परमात्मा वा पूनन शास्जकारों ले श्री राज्ञप्रश्नीय वे
গীজীনান্ীনালিগন सूत्र आदि में--
“पचे पच्या दियाए पाए खेमाए निस्वेयमाए यणु
गाभियत्ताएं मरिस्माह
` अर्थात् पहले और पीछे द्वित का कारण, सुख का कंप्ण,
कल्याण वां फारण, मोक्ष का फारण और মঙ্গ লন আঁ আন্তুগাদী
(षाथ धाने धाज्ञा) वतलाया है ।
+~ ++
User Reviews
No Reviews | Add Yours...