क्रान्तिकारी बारहठ केसरीसिंह व्यक्तित्व एवं कृतित्व | Krantikari Barhat Kesarisingh Vyaktitv Avam Kratitv

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Krantikari Barhat Kesarisingh Vyaktitv Avam Kratitv by डॉ. देवीलाल पालीवाल - Dr. Devilal Paliwal

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about देवीलाल पालीवाल - Devilal Paliwal

Add Infomation AboutDevilal Paliwal

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
जन प्रतिनिधियों की आवाज का महत्व राजपूताने के बाहर झौर भ्रन्दर की वर्तमान सावंजनिक परिस्थिति ने मुझे यह दृढ़ विश्वास दिला दिया है कि प्रत्येक देशी राज्य के लिये भपनी प्रचलित शासन शैली में समयानुकूल शोर उचित संशोधन करने का समय आा चुका है, इतना ही नहीं बल्कि इस समय का लाभ ने लिया गया तो श्रागे जाकर नरेशों के लिए एक पश्चातापमय स्मृति रह जायेगी । ग्रतः जौ उनका हिर्तपी है उमे स्पष्ट करना चाहिये कि, जिम प्रजासे राज्यन-शासन का नित्य भ्रौर भ्रत्यक्ष सम्बन्ध द वह्‌ प्रजा इस शासने श्रव সন্ভুল मही रहना चाहती, उसकी इस भावना को वतंगान काल बड़े बेग से भ्रागे धकेल रहा है ! : भ्रजा के सुख-भांति और मत की सवंधा भ्रवहेलना करते हुए कैवल मोखिक सहानुभूति या दमन-तोति की सफ्लता की झ्राशा पर स्वेच्छाचार को कुछ दिन भ्रधिक जीवित रखने की चेप्टा करता, जिसकी कल्पना ही दुःखद है- ऐसे झ्रातरिक कलह को निमन्त्रण देना है । अपना दोप स्वीकार करना उच्च कोटि का नैतिक बल्र है, श्रत; सत्व के लिये मान लेना होगा कि, कोई राज्य ऐसा नही है जिसकी वर्तेमान शासव शैली में पूर्ण नियम-बद्धता, पूर्ण स्थिरता और लोक-हितैषणा हो। प्रजा फेवल पैसा ढालने की प्यारी मशीन है प्रौर शासन उन पैसों को उठा लेने का লস । । राज्यकोप की आमदनी प्रतिदिन उत्तरोत्तर कैसे बढे, यही एक शासन कय मूलमंत्र हो रहा है। न्याय और सुख-शांति के महकमें तक भी उक्त मूलम ही के शोषक कंण के; हे हैं, दर्सीलिय वे अपनी वास्तविक उपयोगिता में निस्सार द । “राज्यों की श्राधिक मीति और स्थिति विकट भौर विष्ठित मार्ग पर है। ऐसो एकपक्षीय शासन-शैली के परिणाम से नरेश की इच्छा न होते हए भौ प्रजा का पीडन भ्रनिवायं ही है। 1-हजारीवाय जैल से रिहा होने के कुछ समय वाद ब्रप्रेन, 1920 मे ठा.केसरीसिंह द्ाश राजपूताने के एजेम्ट दी गवर्नर जनरल को लिखा यया पत्रा ^ ए




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now