कर्मग्रन्थ [पचम भाग ] | Karmgranth [Pacham Bhaag]
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13 MB
कुल पष्ठ :
512
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्रीचन्द सुराना 'सरस' - Shreechand Surana 'Saras'
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand){( ११९ )
धव ओर अघ्रव सतता प्रङृतियो की सख्या अल्पाधिक होने
का कारण ३६
१३० प्रकृतियो कै ध्रुव सत्ता वाली होन वा कारण ४०
रष प्रद्ृतियों वे अध्रुव सत्ता वाली होने का स्पष्टीकरण ४१
गाया १०, ११, १२ ४२-४१
गुणस्थानो म॑ मिथ्यात्व और सम्यवत्व प्रकृति वी सत्ता का
विचार ४३
{मध मोहनीय भौर थन तानुवधी क्पाय वी सत्ता का नियम ४६
आहारक सप्तक और तीथकर प्रवृति वी सत्ता वा नियम কল
मिथ्यात्व आदि पद्चह प्रकृतिया वी सत्ता वा गुणस्थाना में
विचार करने का वारण ५९
गाया १३ १४ ५२-६२
सवधातिनी, देशघातिनी और अधातिनी प्रक्नतिया ४५३
प्रकृतियों के घाति और अधाति मानने था कारण ५३
सवधातिनी प्रकृतिया कौन-कोनसी ओर क्या ? ५४
दशघातिनी प्रद्न तिया कौन बौनसी हैं और क्या? ५६
सवधाति ओर देशधघाति प्रश्टतियो का विशेष स्पष्टीकरण ५६
अघाति प्रहतियां षौन-कौनमी ह ६१
गाधा१५, १६ १७ ६२-६७
पुण्य और पाप भरकृतिया यौउनसी हैँ और क्या ? ४
गाया १८ ६७-६६
अपरायतमान प्रद्ृतिया ६८
भपरावतमान णन कौ व्याप्या ९८
मिध्यात्य प्रति फो भपरावतमन मानेन षा वारण ६६
पाया १६ ইত
परावतमान वी व्य'म्था ७०
परावतमान प्रश्न तिया ৩০
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