गुलमोहर | Gulmohar

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Gulmohar by विमल मित्र - Vimal Mitra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१३ ” कान भरा है। _. _ । वे वोले, 'आरट्स्ट को बुलाओ ' ,. आनन्द के आकर खड़ होते ही बढा वोला, तुमने जलका को पीटा है? | आनन्द बोला, मैंने पीटा नहीं है सर, झू5-मूठ को चिल्ला उठी है***/ अच्छा किया है जो ীতা ই,আীহ থীতী | . ४, आशीष चौहान मानों वहुत खुश हुए हों। पहले दिन आनन्द ने सोचा था कि बूढ़े ने हंसना सीखा ही नहीं है । रोगी की तरह दुवला- पतला बदन । सिफं ज्ञांव-झांव करता रहता है। कोई नहीं जावता कि क्यों वृढ़ा झांव-झांव करता रहता है। शायद लिवर में गड़बड़ी है, इतनी जायदाद, इतनी संपत्ति फिर भी ऐसा क्‍यों है ? काफी दिनों तक रहने के बावजूद भी आनन्द मिश्र समझ नहीं पाया । बूढ़ा बोला, 'मैं एक अरसे से तुम पर बहुत प्रसन्न हूं भा्टिस्ट, बहुत प्रसन्न ! औरतों की नजर पड़ते ही उसको पीटो, समझे ? तुमने शादी की है? अनन्द बोला, नहीं सर 1 वृढ़ा बोला, 'बहुत अच्छा किया है, शादी-व्याह्‌ कभी मत करना । देखो इसीलिए मैने शादी नहीं की है । यदि अय्यासी करना चाहते हो तो शादी-व्याह मत करो भैया, यह मैं तुम्हें कहे देता हूं ।' एक रोज उसी छोटी लड़की ने एक और बखेड़ा खड़ा कर दिया । उस दिन अपने कमरे के अन्दर आने पर अग्नन्द ने देखा, उसके ईज्ल पर फिर किसी ने कुछ लिख दिया है । कमरे में घुसते ही समझ गया कि वही लड़की यहां छिपी हुई है। मगर इस तरह खाट पर व॑ठ गया मानो उसने देखा ही न हो । फिर जेव से रूमाल निकालकर एक चूहा बनाया बनाया और उस चूहे को हाथ पर नचाने लगा। अब वह लड़की अपने को छिपाकर रख नहीं पायी। चूहे के लालच में सामने आ खड़ी हुई । तुम्हारा नाम अलका है न ! आनन्द ने चूहे को नचाते हुए पूछा । आपको कंसे पत्ता लगा ?, आनन्द बोला, “मैं जानता हूं कि तुम इस चूहे को लेना चाहोगी ।' उसने चहे को अलका की ओर बढ़ाया। 'कैसे इसे बनाया ?* 'मैं तुम्हें सिखा दंगा ।' ह अलका चूहै को लेकर खेलने लगी.। `




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