अमर प्रेम | Amar Prem

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१८ अमर प्रेम व्यवहार इससे पूवं कभी लक्षित नही हुआ था । वह बोला, देखो मेरी, कल डिग्री मिलने के पश्चात्‌ हम दोनो को विवाह कर लेना चाहिए। मैने मोसिये गीरो को पहले ही कह दिया है। वह कहता है कि वह इस विवाह के उपलक्ष्य मे ऐसी शानदार पार्टी तथा नाच का प्रबन्ध करेगा जेसा कि आज तक लेक्सिगटन मे कभी नहीं हुआ । हम सारी कक्षा को झामन्त्रित करेगे 1! मेरी ने श्रपना गाल उसके गाल पर रख दिया श्रौर उसे यहु जानकर स्वेय आदचय॑ हुआ कि उसकी श्राखों मे आसू थे। सेडी को भी उसके आसुझो का आभास हुआ। क्यो मेरी, मुझे आशा है कि तुम हर्ष के आासू बहा रही हो।' वह पीछे हट गई और उसने अपने गालो से श्रास्‌ पोछे, फिर वह वहा खडी हुई उसके कन्धों के ऊपर से अपने घर की झोर देखती रही जो कि रात्रि मे प्रकाश से खूब चमक रहा था। प्रिय सैडी ! यह तो कृतज्ञता के भ्रासू है क्योकि भ्राज जीवन मे प्रथम बार मुझसे विवाह का प्रस्ताव किया गया है ।' पहली बार, परन्तु एेसा क्यो ? तुम तो ञ्ल्यू ग्रास मे सबसे भ्राकषेक युवती हो वह सोचने लगी, वास्तव मे ऐसा क्यो नही हुआ ? क्या इसका कारण यह था कि उसने किसी युवक की ओर कभी कोई विशेष ध्यान नही दिया था श्रथवा उन नवयुवकों के मन में उसके प्रति कभी प्रेम जागरित नहीं हुआ था। टाड- परिवार की युवती होने के नाते वह सब स्थानों पर गई थी । ब्ल्यू ग्रास मे हर स्थान पर उसका स्वागत हुआ था। पिछले पाच वर्षों से वह सब पाठियो, पिक- निको, भोजन तथा नृत्य-उत्सवों मे बराबर सम्मिलित होती रही थी । बह ट्रासिलवानिया के विद्याथियों तथा प्रोफेसरों से चुल-मिल गई थी । जिन लडको के साथ उसने श्रपने बचपन के भ्रानन्दमय क्षणों को व्यतीत किया था वे उसे बहुत पसद थे । उसने मेटेली के अपने सहपाठियों को परस्पर प्रेम करते तथा प्रेम को विवाह-बधन मे परिणत होते देखा था। किन्तु वह कभी युवकों के आकर्षण का केन्द्र नही बनी । पर ऐसा क्यो ? क्याइसलिए कि वह्‌ भावनाभ्रो मे बही नही “ या उसके लिए तैयार न थी ।




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