जैन गज़ट श्रद्दंजली विशेषांक | Jain Gajat Shraddhanjali Visheshank
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19 MB
कुल पष्ठ :
258
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चरमोत्कर्षतक आ्राचार्य श्री की स्थिति का दैनर्दिन का
हृश्य.पाठक़ो के सामने [सजीव रूप से आ जाय | साथ साथ
सल्लेखना की दैनन्दिनी भी श्रलग से दी गयी, है जिसमे
भत्येक दिन की मुख्य-मुख्य बातो का संक्षिप्त विवरण
मिलता है ।
आचार्य श्री का “चित्रमय जीवन-परिचय” एक नया
ही प्रयास है। अत्यन्त परिश्रम से उंपलब्ध चित्रों तथा
घुघले चित्रो के आधार पर बनायी गयी रेखानुकृतियो
के सहारे, आचाय श्री की बाल्यावस्था से लेकर सत्लेखना
पूर्व तक की सम्पूर्ण जीवनी, चित्रों में ही दी गयी है।
श्राचाय श्री के तथा उनसे सम्बन्धित कई अन्य
रगीन एवं साधारण चित्र भी भत्यन्त परिश्रमपूर्वक
जुटाकर इसमें दिये गये हैं। इस प्रकार कुल मिलाकर
लगभग डेढ सौ चित्र इस विद्येषाक में दिये गये हैं। इन
सब चित्रो को उपलब्ध कराने में जिन अनेकों श्रद्धालु
महानुभावो ने हमारी सहायता की, उन सबके प्रति महा-
सभा की ओर से में हादिक श्राभार प्रदर्शित करता हूँ |
अनेक जन एवं अजन विद्वानों तथा भक्तो के मूल्यवान
लेख, संस्मरण, कवितायें एवं श्रद्धांजलिया इस विश्येषाक
'में प्रकाशित हो रही है । अलग अलग उन, 'सेबके यहाँ,
नाम् लेना स्थान-सकोच के कारण सम्भव “नही, हमाही'<
प्रार्थना स्वीकार कर, अपने व्यस्त जीवन की कुछ बंहुमूल्य
घडिया इस चिदोषाक की शोभा एवं महत्व बढ़ाने में
लगाने वाने उन सव महानुभावो के प्रति मै हादिक कृतज्ञता
प्रकट करता हूँ ।
इस बिशेषाक के लिए इतनी विविध, एवं “ महत्वपूर्ण
सामग्री जुटाने मे तथा उसे श्लराकर्षक ढग से सजाने में
स्थानीय “नवभारत टाइम्स” के सहायक सम्पादक ,श्री
सोमसुन्दरम जी, जैन गजट के संपादक प० श्रजितकुमार
जी शास्त्री, प० बाबूलाल जीशास्त्री, प्रकाशक, जैन गजट”
तथा पं० शिखरचन्द जी विशारद, मैनेजर महासभा नें
सराहनीय सहयोग दिया ।
अनेक अप्रत्याशित कारणो से विशेषाक के प्रकाशन
में बहुत बिलम्ब हो गया, जिसके लिए हम उदार पाठकों
से क्षमा-प्रार्थना करते हैं। जिस महान पर्व की पावन
स्मृति में यह श्रद्धा-सुमन श्रपित्त किया ,जा रहा है, यदि
सहृदय पाठक इसे उसके शताश भी उपयुक्त माने तो हम
अपने परिश्रम को सफल समभेंगे।
परसादीलाल पाटनो, महामन्त्री महासभा
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