पंद्रह अगस्त के बाद | Pandrah Agast Ke Baad

लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6.07 MB
कुल पष्ठ :
250
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सच्चा इस्लाम ही
फिर वह किसी भी रंग और बनावटका हो, पाकिस्तानमे
रहनेवालें किसी भी धर्मंके लोगोकी एक-सी नुमाइंदगी करता
है तो में उसे सलामी दूंगा और आपको भी देनी चाहिए ।
दूसरे गव्दोमे, दोनो उपनिवेशोको एक दूसरेके दुश्मन नहीं
वनना चाहिए । राष्ट्र-सघ (कामनवेल्थ)के उपनिवेण या
डोमिनियन एक दूसरेकें दुश्मन नही हो सकते । मे दु-खभरी
दिलचस्पीसे देख रहा हू कि दक्षिण अफ्रीकाका उपनिकेण
हिदुस्तानके दो उपनिवेशोके साथ कैसा वरताव करता है ।
क्या दक्षिणी अफ्रीकाके गोरे अव भी हिंदुस्तानियोसे नफरत
कर सकते है ? क्या दक्षिणी अफ्रीकाके यूरोपियन हिदस्तानियोक
साथ, रेछके एक ही डिब्बेमे सफर करनेसे भी, सिफ॑ इसलिए
इन्कार कर सकेंगे कि वे हिदुस्तानी हे ?
नई दिह्ली, २९-७-४७
।
सच्चा इस्लाम
एक मुसरमान भाईंने जो पत्र मेरे पास भेजा था, उसमेसे
निजी जिक्रको छोडकर बाकी में नीचे दे रहा हू -
“इस्लाम सारी दुनियाका धर्म है (उसका महान् संदेश है सत्मके लिए
कोदिश करना श्रौर उसे पहचानना । मौलाना जलाउुद्दीन रूमीकी नीचे दी
गई कि तासे यह साफ मालूम होता है कि खलीफा भी जैसे महात्माग्रोको
सी सत्यकों पानेके लिए कितनी बड़ी / कोशिका करनी पड़ती है:
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