अथ पदारात्नावाली | Arth Padratnawali
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
182
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पदरत्रावली । (३)
के वो सुरवि्छ नहीं के सेवग जुटाह
! ३ ॥ साधसंगतका गण कहां मनका
भ्रप्त न जाइ। के तो विज साधू नह के
सन् कुटलाड़ ॥ ७ ॥ रत (पिया
गुण कहा विषकूं नाई पेले | के तो गु
चि नह क सन नहा झल ५ ४
दातारगीका गुण कहा कछु दान न
दीन् | के कृवीर तुम दानपती हमसही
कृरम् हीना ॥ ६ ॥
पृद २.
राग सारठ ताल खरवा ॥
इकराजा नगर उजीणीका साई कारण जो
गलियी है मोहतज्योमरगानेगीकाटेर
त्यागी कृूनक छतर पचासन होरा रतन
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