स्त्री कर्त्तव्य शिक्षा | Stri Kartvya Siksha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
450
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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जिप्त परमें इन्तजाम ठीक हैं उस शहरघीकी
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नोकरकेः हाथमं रुपया झोर पुरजा रख देगी।
नोक पकी वामं सव सामान लाकर रख
देगा झार छुट्टी पाज्ञायगा नहों तो सविचार-
बान रहिणों सबेर नोकरसे कहेंगी-- दूध
लागो, झाठ बनते पजते बोलेगो 'तरकारों'
ला मो | इस समयतक नी उसने दे खभाल नहीं
कर लिया रि छार तो कोई दील नहीं मंगा-
मी है। रसोइयेमें गई तोमालूम हुआ कि
निमकः छोर होंग नहीं है। तो नोकर दाजार
भेता गया रिः जार पटल नमक लेता या
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