श्री पन्नवणा सूत्र के थोकडों | Shri Pannvana Sutra Ke Thokdo Ka Bhag-2
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
130
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(११ )
अ्रहो भगपान् | समुज्यय जीव में शरोर कितना ! हे गौतम
शरीर ४-प्रीलरिक, पैमिय, भरादमरक, तैजस, सम॑ !
श्रो मगवान ! झभोदारिक शरोर रा बंघेतफाय कितना | हे
मौतपर ! मर्त॑सन्यादा । श्रसंस्यावा क्रा १ फाल प) एफ एष
मपय एके एर शरीर श्रपदर, भसर्म्याती भक्पप्रंरी भरसख्यादी
उस्मपिंणा ग जिदना समय हुवे उतना (भअसंम्प्याता ्षोफरा
ग्राक्ाश प्रदश मितना )। चेतन प्नी-असंस्याता सोक रा भाकाश
भरर जितना ।
सहो सगगरान ! परिय शरीर रा पधा भिचा! हे गौतम!
ছাল যয়ী भसस्प्याही भवरुपिणी, भसरयाती उत्सपिंशी शा
समय षटवे चिना । शत्र धषी -पेणी परवत र भर्साग्म्पाकमें
माग '७ गुरी लम्बी, ७ रच दी षष्टी, १ प्रदा री धाड़ी,
ष में भिंदना भ्राझाश प्रदेश है ठण रे भसम्मयातपरे माग) ।
भद्दे मावान [ माह शरीर प पंषलेदास््विना १ है
गीठम | मिय भत्पि तिय सर्प ने ये भत्ति जपन्य १, २, ३,
उम्फृष्ट पत्पक् इशार ।
श्रते मगना! मौ पड, वैक्रिप, भाई रफ इण वीनु शरीरों
रा क्ष्य किठन! १ ह गौतम } अनन्दा ] अनन्ता दितना १
জাল धरी एक् एर सपय एर एए शरीर अपदरे, भनन्पी भव
सर्विणी मनन्ती उत्मरिणी रे सपय यवना । पत्र पणी भनन्ता
सोरग কাথা সর নিলা | द्रस्य धद्धी ममी से भनन्स-
गुणा, विद्ध भगवान र् चनन्तथे माग 1
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