विवेक सतसई | Vivek Satsai
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
66
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
जन्म:-
20 सितंबर 1911, आँवल खेड़ा , आगरा, संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत (वर्तमान उत्तर प्रदेश, भारत)
मृत्यु :-
2 जून 1990 (आयु 78 वर्ष) , हरिद्वार, भारत
अन्य नाम :-
श्री राम मत, गुरुदेव, वेदमूर्ति, आचार्य, युग ऋषि, तपोनिष्ठ, गुरुजी
आचार्य श्रीराम शर्मा जी को अखिल विश्व गायत्री परिवार (AWGP) के संस्थापक और संरक्षक के रूप में जाना जाता है |
गृहनगर :- आंवल खेड़ा , आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत
पत्नी :- भगवती देवी शर्मा
श्रीराम शर्मा (20 सितंबर 1911– 2 जून 1990) एक समाज सुधारक, एक दार्शनिक, और "ऑल वर्ल्ड गायत्री परिवार" के संस्थापक थे, जिसका मुख्यालय शांतिकुंज, हरिद्वार, भारत में है। उन्हें गायत्री प
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)८ १ )
' धथों रहीम : रुख, दग्ब-सहत :बड़े:लोग सह सान्ति ॥- ~ .
उगव:;चंदजेहि:-सांति- सो, अथच्तत ताही भांति.॥ १६१ ॥
: रन बन व्यापिश्विपत्ति सें, रहिसनः मरै-नःरोय, | ...६.£
जो रक्षछ/ ज़ननी>जठर;- सो: हरि गये ज़ञसोय1 १६२-॥
_ साधु चरिव. तवनीत :सो, ,कह्यो कब्रीन बुथाहि [८
बह: अपने সান. यह. दूजे .दुख मांहि ॥ १६३ ॥
पर कारज साथरदिं सदा, तजि सख स्वार्थ अनंत: |
पदम्; पच्.जिसि.जग , जिये,:धल्ि-धनि संत महंत)! १६४ ||
नष्यता के लक्षणु---
जब्त ৫১৭
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सत्य शील सुदि ब्रह्म: पर्,, न्यायः परायन. धीरः 1.1.
ओजच़् न करते ,दुख. पड़ - रदते सदाः. गंभीर 11 १६६ ॥
कहे वचन , प्रलटे, नर्दी,., जो .सत्त् पुरुष .सधीर 4 है
कहत सबे, हरिचंद नृप, भर.यो . नीचः. घर जीर ॥ १६७ ॥
. कबीर आए .ट्याइये,. चौर. न ` ठमिये कोय |] 7
সাদ ভিজা. ভব ऊपने,-आओर ठम्यां. दख. दोय ॥ १६८ ॥
रहिमन लित्त अधमं को, जरत न लागे वार `
चोरी करि.,होरी रची, भई तनिक में छार॥ १६६॥
सात पिता , गुडः को . करत, “जे. आदर सत्कार ।
से भाजन सुख. सुयश - के, . जीच वष. हजार ॥ -६५७० ॥
श्रवन करी [यों कीजिषे, सोता .पिता की. सेव.
- काये ऋोबरि कैः पिरयो, -पुजे . जैसे. देव 1-१७१ ॥
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