हमारे नेता और निर्माता | Hamare Neta Or Nirmata
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
232
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ ২৩ |
उन्होंने पालंमेर्ट से भारतीय कौंसिलों के सुधार की योजना पास
करा ली, जो 'माल॑-मिण्टो सुधार! के नाम से विख्यात है।
सम्राद एडवर्ड के देहांत के वाद सम्राट जाजं पञ्चम राज्याभिषेक
के लिए भारत बुलाये गये और उनके द्वारा घोषणा करा के बद्धाल के
दोनों भागों को मिला दिया गया । इस प्रकार बद्धमंग आंदोलन ती
समाप्त हो गया, पर बंग-मंगर ने शक्ति की जो धारा हमारे जीवन में
बहाई, उसका उपयोग हम उचित रूप में न कर सके । निरंतर लगन
फे साथ चलने वाली ठोस राष्ट्रीय की जगह वह भाव-प्रवाहके रूप
में बदल गईं | जिन लोगों के हाथ में राष्ट्रीववा का नेतृत्व था, वे इस
धारा से लाभ न उठा सके, वल्कि अपनी जीवनहीनता, अपनी अक-
मंण्यता, अपनी जरूरत से ज्यादा सावधान ओर संदिग्ध रहने की
प्रवृत्ति के कारण वे तट पर खड़े रह गये; धारा आगे बढ़ गई। वे
उसका नेतृत्व न कर सके ।
उग्र दल --पर जहाँ माडरेट नेता समय की गति के अनुकूल
अपने को न बना सकने के कारण पिछुड़ते जा रहे थे, तहाँ कार्यक्रम
की अव्यावह् रिकता एवं कोरी आआदशंवादिता के कारण क्रान्तिकारी
भारतीय आकांक्षा की पूर्ति न कर सकते थे | इसलिए इन दोनों के बीच
इनके मिश्रण सा एक तीसरा दल भारतीय राजनीति में पैदा हुआ ।
माडरेटो--नरमों ने व्यज्ञ के तौर पर उसे उ4दल ( एक्सट्रीमिस्ट )
के नाम से पुकारा ओर स्वृंसाधारण में नरम के जोड़ वाले नाम गरम
दल? से प्रसिद्ध हुआ। तिलक, लाजपतराय, शिशिरकुमार घोष
अरविंद इत्यादि इसके लेता थे। १६०७ से लेकर १६१८ ई० तक का
समय इस दल के क्रमिक विकास ओर निर्माण का समय है |
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महायुद्ध मे भारत की सेवा-इधर वंग-मेग आंदोतन बन्द
(हुआ, उधर युरोप की राजनीतिक अवस्था बड़ी जटिल होती जा रही
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