कथा आयाम | Katha Aayam
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
302
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)4०
(ग) कौतूहलजतव शीपंक--ऐसे शीर्पको को कौतूहलजनक शीर्षक कह
सकते हैं जिनको देखते ही पाठक वे मन मे उस कहानी को पढ़ने को कौतूहल
जागृत हो जाय । उतने कहा था (गुलेरी), आकाशदीप (प्रसाद), प्याले मे
तूफान (अमृतलाल नागर) आदि कौतूहलजनक शीर्षक हैं ।
(ध) व्यम्यपूर्ण शीपंक--ठुछ कहानियों के शीपंक ऐसे होते हैं जो किती
विडस्वताजनक स्थिति के प्रति व्यग्य के सूचक होते हैं । इस प्रकार वे शी्क
अक्सर परस्पर विरोधी भावनाओं वा भी द्योतन करते हैं। नरक का मार्ग
(प्रेमचन्द), भादम की डायरी (अज्ञेय), चम्मच भर आँसू (उपादेवी मित्र)
आदि इस कोटि के शीर्षक हैं ।
(ड) हास्पोद्भावक शीपंक--बहानियो के कुछ शीर्षक ऐसे होते हैं जित
को देखते ही हास्य की उद्भावना होती है; जैसे--मोटर के छोटे प्रेमचन्द),
श्रीमतो गजानन्द शास्त्री (निराला), परमात्मा का कुत्ता (मोहत राकेश)
आदि ।
(छ) नायक अथवा नादिका के नाम पर शीर्ष--धीसू (प्रसाद), रज्जो
(पहाडो), ज्योतिर्मेप्री (निराला) आदि इस कोटि के शीर्षक हैं ।
(8) मनोवृत्ति पर आधारित शीर्षक--कहानी के चित्रों की मतोदशा
अथवा मनोवृत्ति को व्यजित कराने के लिए जो शीपंक रखे जाते हैं उन्हें
मनोवृत्ति पर आधारित शीर्पंक कह सकते हैं। बदला (अज्ञेय), शराबी
(इलाचन्द्र जोषी), मङ्कार (इब्राहीम शरीफ) आदि इस तरह के शीपंक हैं।
(ज) भावता पर आधारित शीर्पक--करुणा की पुकार (प्रसाद), डाकू
कौ ममता (वुन्दरावनलाल वर्मा), जिगोषा (विजयराघद रेड्डी) आदि इस श्रेणी
के शीर्षक हैं ।
(ख) पारिवारिक सम्बन्धो वो सूचित करने वाले शीक--वेटो वाली
विधवा (प्रेमचन्द), उसकी माँ (उग्र); पुत्र (महीपसिह) आदि इस तरह के
शीर्षक हैं ।
(अ) काम्र की अवधि को सूचित करने वाले शोर्पषक--उन्नीत सौ पेंदीस
(उपादेवी मित्रा), एक रात (जैनेस्र), चोशीस घंदे (चद्धगुप्त विद्यालंबर)
आदि इस तरह के शीर्षक हैं ।
(८) मुहावरो, कहावतो पर आधारित शीपक--काठ का उल्लू (जी० पी०
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