सपनों की रानी | Sapno Ki Rani

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१६ भाषा उट फर सी हो मर्ह । उस मे पहा--'ैं सेफ हे रुपये गहीं शा समती । मुभ गतत कापर करगे भे पूत डर शगता ह । # 1 प्रम तोडरणगेमा हौ । पहुते कपो नरी हमै धी, जव-1* प्माशाते उस गुसतोके शूह पर पुन हाथ रण दिया । फिर गते से ताड्रेट उतार कर शोती--“इसे ग पाचि हजार रषये दे फर वापरश ऐे एूँगी । उरा गुगती गे अष्दी रेतप्रेटपे, पेगभे खता, फिर पोती-- कपर'' “का रात को नो गजे मैं होटदण सम्बाम में तुम्हारा इलाशार मरूगी ।! शव उस गुवती गे जागे वा प्रापोजन किया । दिनेश मे उस की सूरत भरी भांति पहचान सी घोर बहु कपड़े पहुणगे रागा। यह उश प्रपरिचिता मै विषम भे गगना पराहता षा कि यह वौग है। उस मे प्राशा यों तिश बवकर भें ड्ाए रपरा है। दिनेश जय ोटिमो भे पना, हो उसने उस गुवती को एक टैक्सी भे मंठते देशा । यह फौरग बार की घगती सिडकी खसोत, डु।इविंग रीट पर मेंठ गया धोर गाड़ी रटार्ट कर दी | पहु उस टंबशी का पीछा करने सगा, शिस में बह प्रपरिधिता धी) जिस समय दिनेश जा रहा षा प्राशा सिडकी मे शड्टी उसे देरा रही थी । उसवा दिए घक्-परु कर रहा था कि शायद दिनेश गे हमारो वाते सुन सी।




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