सामाजिक मनोविज्ञान की रूपरेखा | Samajik Manovigyan Ki Ruprekha

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Samajik Manovigyan Ki Ruprekha by रवीन्द्र नाथ मुकर्जी - Ravindra Nath Mukarjee

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सामाजिक मनोविह्ान के विपय में 9 ० (00087 ६) उपलब्ध होते हैं । यही प्रांतमान स्वय उसके নিয়া को प्रभावत करते, और उसे अपने रग मे रंग देते हैं। इस प्रकार, जिस विचार के विषय भे हम सामान्यतः यद्‌ सोचते टै कि वट्‌ व्यक्ति के अपने मस्तिष्कं क्ते उपज दै, वह्‌ वास्तव में मस्तिष्फ के सहयोग से सामाजिक परिस्थितियों का परिणाम होता है भौर, जो बात व्यक्ति के विचारों के सम्बन्ध में है, बिलकुल वही बात उसको द्वियाओं या अन्य व्यवहारों के सम्बन्ध मे कही जा सकती है। अधिक स्पष्ट रूप में यह कहना उचित होगा कि व्यहिति का व्यवहार उसकी मानिसक योग्यता (760७॥ ल्09७॥0६) तथा सामाजिक शक्ितिय्ये छा मिलाजुला फल है। जो विज्ञान न दोनो कारको (1301078) के फलस्वरूप उत्पप्त मानव-व्यवहारों का बिग्लेषण करता है, उसे 'सामाजिक मनोविज्ञान! कहते है । सामाजिफ मंदोविशांन मनुध्य दो व्यवहार-प्रणाती ददा उस पर पड़ने वाले विनिप्त सामाजिक प्रभावों ऐ रोत का त्ब्ययन फरने वाला विज्ञान है। इसका ताल यह है कि ध्यक्ति के घिधार द ब्यपहार छसकी अपनी मानसिक या मन: शारीरिक प्रक्रियायों की छपय होते हुए भी उच्च पर सामाजिक-सास्यू तिक जवस्थाओं द धक्तियों का प्रभाव भी पड़ता है। सामाजिक सनोविज्ञान इसी सन्‍य की ओर हमारा स्यान क्ाकपित करता है भौर व्यक्ति और समूह एवं व्यक्ति और समाज के पारस्पटिक सम्बन्ध के छुछ मूल आषारों, त्वो (नधा), नियमों व त्यों (18९5) का अध्ययन करता है। संक्षेप में, साधाजि सनोविह्वान सामाशिक परित्पि- विर्षों प्रमादों शो शियाशोत्ता के परियागस्दरुप उत्पन्न अन्य लोगों के संदर्भ में ध्यित व्यवहारो करा मध्ययाहै। सामाजिक मनोविज्ञान की परिभाषा (ए0०1ग्रांधंगा ती 5००४1 9>णीा0०६१) ) जय ऑटो बलाइनवर्य (0910० 110४०:४) के अनुसार, सामाजिक मनोविज्ञान को दूसरे व्यक्तियों द्वारा प्रभादित व्यक्ति की क्रियाओ (व्णाधंध८5) का वैज्ञानिक अध्ययन झहुकर परिभाषित क्या जा सकता है ।”? श्यी किम्दल यंग (८178211 १०४०६) ने रामाजिक मनोविक्षान कते दरा प्रकार परिभाषित क्षिया हैं-“सामाजिक मनोविज्ञान व्यक्तियों कली पारस्परिक अन्तःक्ियायों का अध्ययन करता है, भीर इरः बात को जाँच करता हैं कि इन अंन्त.क्रियाओ का व्यक्ति-विशेय के विचारो, भावनाओं, उद्देगों और आदतों पर क्या प्रभाव पडता है 13 थरी शेरीफ तथा भौमती शेतीष्ट (आला 2০ 80671) के शब्दों मे, “सामाजिक मनोविद्ञान सामाजिक प्रेरक परिस्थितियों के सन्दर्भ मे व्यक्ति के अनुभव तथा ब्यवद्वार का अध्ययन है ।//* ही सेदडूवल (7১190955911) के धनुसार, “सामाजिक मनोविज्ञान वह টি है जो मृदो के व जीवन का और व्यक्ति के विकास तथा श परर समूह्‌ के प्रभावों का वणन करता मौर उसका विवरण भ्रस्तुत करता 1 भरी दाउन (89७7) की परिभाषा इन झब्दों में है-- सामाजिक मनो- विज्ञान व्यहित के व्यवहार के सम्बन्ध में अनुसन्धान, उसके साथियों के संदर्भ में,




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